* हाथ में लगी थी ड्रिप फिर भी लगातार ड्यूटी करते रहे यूपी पुलिस के मुख्य आरक्षी राजेन्द्र मालिक।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
संभल।पुलिस ऐसी है, पुलिस वैसी है, जैसी भी है पुलिस अच्छी है,हाथ में लगी थी ड्रिप फिर भी लगातार ड्यूटी करते रहे यूपी पुलिस के मुख्य आरक्षी राजेन्द्र मालिक। जी हाँ ,आपको विश्वास नहीं होगा लेकिन यह सच्चाई है।
संभल जिले के पीआरवी 1432 में तैनात राजेंद्र मालिक को दो तीन दिन पहले बुखार आया था। जिसके बाद से वो लगातार जिला अस्पताल से दवा भी ले रहे थे। पर, रविवार को अचानक उनकी तबियत खराब हो गयी तो वो डॉक्टर के पास अस्पताल गये।
जहां डॉक्टर ने उनके हाथ में ड्रिप लगा दी और चार घंटे रेस्ट करने को कहा,ड्रिप लगने के बाद सिपाही राजेंद्र ने सोचा कि अगर वह तीन-चार घंटे अस्पताल में रेस्ट पर रहेंगे तो उसके स्थान पर पीआरबी की डयूटी कौन करेगा. कोई कॉल आएगी तो उसे कौन रिसीव करेगा। वहीँ दूसरा ख्याल यह भी उनके दिमाग में था कि छुट्टियाँ बंद चल रही हैं ऐसे में अचानक छुट्टी लेने से दिक्कत होगी। जिसके बाद उन्होंने ग्लूकोज की बोतल उठाई और अपनी गाड़ी में लटका ली। सिपाही ने अपने कर्त्तव्य को निभाना ही उचित समझा। हाथ में ड्रिप लगवाने के बाद पीआरवी में बैठकर डयूटी करने लगे। जो भी सिपाही को ऐसे देख रहा था, वो उनकी सराहना कर रहा था।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
संभल।पुलिस ऐसी है, पुलिस वैसी है, जैसी भी है पुलिस अच्छी है,हाथ में लगी थी ड्रिप फिर भी लगातार ड्यूटी करते रहे यूपी पुलिस के मुख्य आरक्षी राजेन्द्र मालिक। जी हाँ ,आपको विश्वास नहीं होगा लेकिन यह सच्चाई है।
संभल जिले के पीआरवी 1432 में तैनात राजेंद्र मालिक को दो तीन दिन पहले बुखार आया था। जिसके बाद से वो लगातार जिला अस्पताल से दवा भी ले रहे थे। पर, रविवार को अचानक उनकी तबियत खराब हो गयी तो वो डॉक्टर के पास अस्पताल गये।
जहां डॉक्टर ने उनके हाथ में ड्रिप लगा दी और चार घंटे रेस्ट करने को कहा,ड्रिप लगने के बाद सिपाही राजेंद्र ने सोचा कि अगर वह तीन-चार घंटे अस्पताल में रेस्ट पर रहेंगे तो उसके स्थान पर पीआरबी की डयूटी कौन करेगा. कोई कॉल आएगी तो उसे कौन रिसीव करेगा। वहीँ दूसरा ख्याल यह भी उनके दिमाग में था कि छुट्टियाँ बंद चल रही हैं ऐसे में अचानक छुट्टी लेने से दिक्कत होगी। जिसके बाद उन्होंने ग्लूकोज की बोतल उठाई और अपनी गाड़ी में लटका ली। सिपाही ने अपने कर्त्तव्य को निभाना ही उचित समझा। हाथ में ड्रिप लगवाने के बाद पीआरवी में बैठकर डयूटी करने लगे। जो भी सिपाही को ऐसे देख रहा था, वो उनकी सराहना कर रहा था।
wow
ReplyDeletekash sabhi adhikari or kramchari isi trha apni duty nibhayen to hamara desh sach me mahaan ho jay.