* फीस कम करने की बात सुनते ही आचार्य बालकृष्ण बौखला गये,जिसका वहा मौजूद बच्चो ने उनका विरोध किया।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
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हरिद्वार।बहादराबाद क्षेत्र के पंतजलि आयुर्वेद कॉलेज में अधिक फीस के अदालती आदेश के बाद कम कराने गये छात्र-छात्राएं को बनाया गया बन्धक। सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार पंतजलि आयुर्वेदीक कॉलेज में शिक्षा अध्ययन कर रहे बच्चे अधिक फीस को कम कराने की समस्या का निस्तारण कराने पंतजलि आयुर्वेद कॉलेज के कुलपति आचार्य बाल कृष्ण के पास पहुचे।
फीस कम करने की बात सुनते ही आचार्य बालकृष्ण बौखला गये जिसका वहा मौजूद बच्चो ने विरोध किया। आरोप है कि विरोध कर रहे बच्चो का आचार्य बालकृष्ण द्वारा वहा मौजूद गार्ड की मदद से सभी के मोबाइल फोन जब्त कर लिये गये।
बच्चो का आरोप है कि सभी को बंधक बनाकर उनके साथ मारपीट की गई। मामले की जानकारी किसी ने पुलिस को दी ।सूचना पाकर मौके पर पहुची पुलिस के हस्तक्षेप के बाद बच्चो द्वारा आचार्य बालकृष्ण महाराज से माफ़ी मांगी तब जाकर पुरे मामले का पटाक्षेप हो सका। इस सुचना पर पहुँचे पत्रकारों को पतंजलि प्रशासन ने गेट के अंदर नहीं जाने दिया।
एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय की माने तो फीस को लेकर कुछ आपसी मतभेद थे जिसको बातचीत के बाद निपट गया है। वही सीओ कनखल के अनुसार फीस को लेकर बातचीत करने गए बच्चो के साथ दुर्व्यवहार की बात सामने आई थी ,जिसमे पतंजलि प्रशासन द्वारा उनके मोबाइल आदि रखवाने की बात भी सामने आई थी ,पर दोनों पक्षों के आपसी बातचीत के बाद मामला शांत है दोनों पक्षों का आपसी समझौता हो गया है। इस सम्बन्ध में किसी भी पक्ष द्वारा किसी प्रकार की लिखा -पढ़ी नहीं की गई। इस संबंध में जब पतंजलि के जिम्मेदार लोगो को फोन किया गया तो उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया। जिसके कारन उनका बयान उपलब्ध नहीं हो सका।
फीस कम करने की बात सुनते ही आचार्य बालकृष्ण बौखला गये जिसका वहा मौजूद बच्चो ने विरोध किया। आरोप है कि विरोध कर रहे बच्चो का आचार्य बालकृष्ण द्वारा वहा मौजूद गार्ड की मदद से सभी के मोबाइल फोन जब्त कर लिये गये।
बच्चो का आरोप है कि सभी को बंधक बनाकर उनके साथ मारपीट की गई। मामले की जानकारी किसी ने पुलिस को दी ।सूचना पाकर मौके पर पहुची पुलिस के हस्तक्षेप के बाद बच्चो द्वारा आचार्य बालकृष्ण महाराज से माफ़ी मांगी तब जाकर पुरे मामले का पटाक्षेप हो सका। इस सुचना पर पहुँचे पत्रकारों को पतंजलि प्रशासन ने गेट के अंदर नहीं जाने दिया।
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