* इस बार सरकार ने ऐसे कर्मियों की पहचान की है, जो लगातार तीन महीने ऐसी लिस्ट में शामिल रहे।
* अब इन्हें जबरन सेवानिवृत्ति देने या नौकरी से निकालने तक की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली। जब से मोदी सरकार ने भ्र्ष्टाचार के खिलाफ मुहीम छेड़ते हुए भ्र्ष्ट अधिकारियो और कर्मचारियों को वालेन्ट्री रिटायमेंट देकर नौकरी से छुट्टी दे रही है। उसी क्रम में भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकारी ऐक्शन के दूसरे दौर में 400 से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों की नौकरी जा सकती है। हर महीने होने वाले अप्रेजल की प्रक्रिया के तहत इनकी पहचान हुई है। इस बार सरकार ने ऐसे कर्मियों की पहचान की है, जो लगातार तीन महीने ऐसी लिस्ट में शामिल रहे। अब इन्हें जबरन सेवानिवृत्ति देने या नौकरी से निकालने तक की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
पिछले दिनों सरकार ने आदेश जारी कर कहा था कि विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में काम करने वाले अधिकारियों का हर महीने अप्रेजल और उस पर ऐक्शन होगा। कामकाज में सुधार और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की दिशा में सरकार का प्लान आया था। पहले चरण में 284 अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा हो चुकी है। रिव्यू कमिटी पहली बार इतनी बड़ी संख्या में अधिकारियों की सेवा समीक्षा कर रही है। डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) के सूत्रों के अनुसार, 400 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों की सर्विस डिटेल 20 जनवरी तक रिव्यू कमिटी के सामने रखनी है। कमिटी का गठन कैबिनेट सेक्रेटरी की देख-रेख में होता है।
* अब इन्हें जबरन सेवानिवृत्ति देने या नौकरी से निकालने तक की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली। जब से मोदी सरकार ने भ्र्ष्टाचार के खिलाफ मुहीम छेड़ते हुए भ्र्ष्ट अधिकारियो और कर्मचारियों को वालेन्ट्री रिटायमेंट देकर नौकरी से छुट्टी दे रही है। उसी क्रम में भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकारी ऐक्शन के दूसरे दौर में 400 से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों की नौकरी जा सकती है। हर महीने होने वाले अप्रेजल की प्रक्रिया के तहत इनकी पहचान हुई है। इस बार सरकार ने ऐसे कर्मियों की पहचान की है, जो लगातार तीन महीने ऐसी लिस्ट में शामिल रहे। अब इन्हें जबरन सेवानिवृत्ति देने या नौकरी से निकालने तक की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
पिछले दिनों सरकार ने आदेश जारी कर कहा था कि विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में काम करने वाले अधिकारियों का हर महीने अप्रेजल और उस पर ऐक्शन होगा। कामकाज में सुधार और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की दिशा में सरकार का प्लान आया था। पहले चरण में 284 अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा हो चुकी है। रिव्यू कमिटी पहली बार इतनी बड़ी संख्या में अधिकारियों की सेवा समीक्षा कर रही है। डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) के सूत्रों के अनुसार, 400 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों की सर्विस डिटेल 20 जनवरी तक रिव्यू कमिटी के सामने रखनी है। कमिटी का गठन कैबिनेट सेक्रेटरी की देख-रेख में होता है।
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