* कहा जा रहा है कि तिहाड़ जेल में बंद चारों आरोपी घबराए हुए हैं और उनके चेहरे पर पश्चाताप साफ झलक रहा है।
* अब भले ही सुप्रीम कोर्ट एनकाउंटर की जांच करवाता रहे लेकिन पूरे देश ने हैदराबाद पुलिस के न्याय की प्रशंसा की है।
(एस.पी.मित्तल)
नई दिल्ली। 12 दिसंबर को प्रसारित मीडिया रिपोर्टों के अनुसार दिल्ली की निर्भया के गैंगरेप और मर्डर के चारों आरोपियों को अब किसी भी समय फांसी दी जा सकती है। तिहाड़ जेल में फांसी के लिए रस्सी से लेकर जल्लाद तक का इंतजाम हो गया है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिन युवकों को फांसी दी जाएगी, उनकी मन:स्थिति कैसी होगी? अब वे सात वर्ष पहले उस क्षण को कोस रहे होंगे, जब निर्भया के साथ रेप किया।
कहा जा रहा है कि तिहाड़ जेल में बंद चारों आरोपी घबराए हुए हैं और उनके चेहरे पर पश्चाताप साफ झलक रहा है। हालांकि अब ऐसा प्रायश्चित कोई मायने नहीं रखता है क्योंकि पूरा देश चाहता है कि चारों बलात्कारियों को जल्द से जल्द फांसी हो जाए। सरकार पर भी जल्द फांसी का दबाव पड़ रहा है। गत दिनों हैदराबाद में एक महिला डाक्टर के साथ रेप और फिर मर्डर की घटना के आरोपियों को भी पुलिस ने कथित एनकाउंटर में मार गिराया। हैदराबाद पुलिस ने अदालतों में मुकदमा चलाने की गुंजाईश भी नहीं छोड़ी।
अब भले ही सुप्रीम कोर्ट एनकाउंटर की जांच करवाता रहे लेकिन पूरे देश ने हैदराबाद पुलिस के न्याय की प्रशंसा की है। अब कम से कम हैदराबाद में तो महिलाओं पर बुरी नजर नहीं रखी जाएगी। हो सकता है कि हैदराबाद के चार आरोपियों में से एकाध निर्दोष भी हो, लेकिन सजा सभी को मिली है। जो लोग महिलाओं के साथ रेप और फिर हत्या तक करने की हिम्मत दिखाते है उन्हें निर्भया प्रकरण और हैदराबाद एनकाउंटर से सबक लेना चाहिए। बुरे कर्म का बुरा नतीजा ही होता है। कई बार देखा गया है कि शराब के नशे में भी अपराध हो जाता है।
दिल्ली के निर्भया और हैदराबाद के प्रकरण में भी आरोपियों का शराब के नशे में होना माना गया है। शराब पीने के बाद व्यक्ति वहशी हो जाता है। शराब चाहे उच्च वर्ग में भी पी जाए या फिर निम्न वर्ग में। दोनों ही वर्गों में नुकसानदेह है। अधिकांश अपराध शराब पीने की वजह से होते हैं। जो लोग शराब पीते हैं उन्हें अपने परिवार के खातिर पुनर्विचार करना चाहिए।
* अब भले ही सुप्रीम कोर्ट एनकाउंटर की जांच करवाता रहे लेकिन पूरे देश ने हैदराबाद पुलिस के न्याय की प्रशंसा की है।
(एस.पी.मित्तल)
नई दिल्ली। 12 दिसंबर को प्रसारित मीडिया रिपोर्टों के अनुसार दिल्ली की निर्भया के गैंगरेप और मर्डर के चारों आरोपियों को अब किसी भी समय फांसी दी जा सकती है। तिहाड़ जेल में फांसी के लिए रस्सी से लेकर जल्लाद तक का इंतजाम हो गया है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिन युवकों को फांसी दी जाएगी, उनकी मन:स्थिति कैसी होगी? अब वे सात वर्ष पहले उस क्षण को कोस रहे होंगे, जब निर्भया के साथ रेप किया।
कहा जा रहा है कि तिहाड़ जेल में बंद चारों आरोपी घबराए हुए हैं और उनके चेहरे पर पश्चाताप साफ झलक रहा है। हालांकि अब ऐसा प्रायश्चित कोई मायने नहीं रखता है क्योंकि पूरा देश चाहता है कि चारों बलात्कारियों को जल्द से जल्द फांसी हो जाए। सरकार पर भी जल्द फांसी का दबाव पड़ रहा है। गत दिनों हैदराबाद में एक महिला डाक्टर के साथ रेप और फिर मर्डर की घटना के आरोपियों को भी पुलिस ने कथित एनकाउंटर में मार गिराया। हैदराबाद पुलिस ने अदालतों में मुकदमा चलाने की गुंजाईश भी नहीं छोड़ी।
अब भले ही सुप्रीम कोर्ट एनकाउंटर की जांच करवाता रहे लेकिन पूरे देश ने हैदराबाद पुलिस के न्याय की प्रशंसा की है। अब कम से कम हैदराबाद में तो महिलाओं पर बुरी नजर नहीं रखी जाएगी। हो सकता है कि हैदराबाद के चार आरोपियों में से एकाध निर्दोष भी हो, लेकिन सजा सभी को मिली है। जो लोग महिलाओं के साथ रेप और फिर हत्या तक करने की हिम्मत दिखाते है उन्हें निर्भया प्रकरण और हैदराबाद एनकाउंटर से सबक लेना चाहिए। बुरे कर्म का बुरा नतीजा ही होता है। कई बार देखा गया है कि शराब के नशे में भी अपराध हो जाता है।
![]() |
(वैधानिक चेतावनी -शराब पीना स्वस्थ्य के लिए हानिकारक है ) |
0 comments:
Post a Comment