* कांग्रेस-जेएमएम और राजद गठबंधन को पूर्ण बहुमत की ओर।
* झारखंड बीजेपी नेतृत्व ने अजसू अध्यक्ष सुदेश महतो और जेवीएम के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से संपर्क किया है।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली / झारखण्ड। एक कहावत है की राजनीती और जंग में सब कुछ जायज है और सियासत कब किसे दगा दे जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। यह सियासत का ही उलटफेर होता है कि वक्त पड़ने पर बड़े-बड़े दल भी छोटी पार्टियों और निर्दलियों की चौखट पर खड़े नज़र आते हैं। सियासी जानकारों की मानें तो झारखंड विधानसभा चुनाव के रुझान कुछ ऐसा ही इशारा दे रहे हैं। आजसू और जेवीएम इस चुनाव में अहम रोल निभा सकते हैं। वहीं मौका पड़ने पर वामपंथी दल भी झारखंड की सत्ता का हिस्सा हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, झारखंड बीजेपी नेतृत्व ने अजसू अध्यक्ष सुदेश महतो और जेवीएम के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से संपर्क किया है।
सियासी जानकार और डॉ. बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी के प्रो. डॉक्टर अरशद बताते हैं, चुनावों के दौरान सियासी समीकरण बदले तो बड़े दलों ने कुछ नेताओं से पल्ला झाड़ते हुए उन्हें किनारे लगा दिया, लेकिन ऐसे नेता भी बड़े माहिर निकले, चुनाव मैदान में अपने बूते ताल ठोककर खड़े हो गए। पार्टियों ने उनके खिलाफ कार्रवाई भी की। मैदान से हटाने के लिए तिकड़म भी चली, लेकिन खास बात ये है कि एग्जिट पोल आने के बाद अब उम्मीद भी ऐसे ही नेताओं पर आकर टिकी है।
जिनसे पल्ला झाड़ा, अब वो बन सकते हैं खेवनहार
बीजेपी और जेएमएम दोनों बड़े दलों ने विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन एग्जिट पोल के आंकड़े बताते हैं कि सरकार बनाने के लिए अब दोनों ही खेमों को सहयोगियों की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में बीजेपी को आजसू से आस है तो तमाम गिले-शिकवे होने के बाद जेवीएम पर डोरे डाले जा रहे हैं। वहीं जेएमएम-कांग्रेस को जेवीएम से सहयोग की उम्मीद है और वामपंथियों का साथ भी चाहिए। मतलब ये है कि जैसे-जैसे नतीजे आते जाएंगे तो उसी के साथ जेवीएम-आजसू का कद तय होता जाएगा।
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पार्टी आगे जीते कुल 2014
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* भाजपा 28 0 28 37
* झामुमो +कांग्रेस +राजद 42 0 42 25
* आजसू 02 0 02 05
* झाविमो 04 0 04 08
* अन्य 05 0 05 06
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* झारखंड बीजेपी नेतृत्व ने अजसू अध्यक्ष सुदेश महतो और जेवीएम के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से संपर्क किया है।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली / झारखण्ड। एक कहावत है की राजनीती और जंग में सब कुछ जायज है और सियासत कब किसे दगा दे जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। यह सियासत का ही उलटफेर होता है कि वक्त पड़ने पर बड़े-बड़े दल भी छोटी पार्टियों और निर्दलियों की चौखट पर खड़े नज़र आते हैं। सियासी जानकारों की मानें तो झारखंड विधानसभा चुनाव के रुझान कुछ ऐसा ही इशारा दे रहे हैं। आजसू और जेवीएम इस चुनाव में अहम रोल निभा सकते हैं। वहीं मौका पड़ने पर वामपंथी दल भी झारखंड की सत्ता का हिस्सा हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, झारखंड बीजेपी नेतृत्व ने अजसू अध्यक्ष सुदेश महतो और जेवीएम के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से संपर्क किया है।
सियासी जानकार और डॉ. बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी के प्रो. डॉक्टर अरशद बताते हैं, चुनावों के दौरान सियासी समीकरण बदले तो बड़े दलों ने कुछ नेताओं से पल्ला झाड़ते हुए उन्हें किनारे लगा दिया, लेकिन ऐसे नेता भी बड़े माहिर निकले, चुनाव मैदान में अपने बूते ताल ठोककर खड़े हो गए। पार्टियों ने उनके खिलाफ कार्रवाई भी की। मैदान से हटाने के लिए तिकड़म भी चली, लेकिन खास बात ये है कि एग्जिट पोल आने के बाद अब उम्मीद भी ऐसे ही नेताओं पर आकर टिकी है।
जिनसे पल्ला झाड़ा, अब वो बन सकते हैं खेवनहार
बीजेपी और जेएमएम दोनों बड़े दलों ने विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन एग्जिट पोल के आंकड़े बताते हैं कि सरकार बनाने के लिए अब दोनों ही खेमों को सहयोगियों की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में बीजेपी को आजसू से आस है तो तमाम गिले-शिकवे होने के बाद जेवीएम पर डोरे डाले जा रहे हैं। वहीं जेएमएम-कांग्रेस को जेवीएम से सहयोग की उम्मीद है और वामपंथियों का साथ भी चाहिए। मतलब ये है कि जैसे-जैसे नतीजे आते जाएंगे तो उसी के साथ जेवीएम-आजसू का कद तय होता जाएगा।
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पार्टी आगे जीते कुल 2014
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* भाजपा 28 0 28 37
* झामुमो +कांग्रेस +राजद 42 0 42 25
* आजसू 02 0 02 05
* झाविमो 04 0 04 08
* अन्य 05 0 05 06
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