* सजा की सूचना मिलने के बाद से ही सभी दोषी किसी से बातचीत तक नहीं कर रहे हैं।
* अक्षय तो सारी रात बैठा रहा। वहीं बाकी तीनों मुकेश, पवन और विनय लेट तो गए, लेकिन उनको नींद नही आई।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली। मौत तो एक दिन आनी ही है,कहना कितना आसान होता है पर जब मौत आती है या फिर उसके आने का समय निर्धारित हो जाये तो गिनती के दिन गुजरना कितना भारी होता है। यह अगर जानना है तो जानिए निर्भया के उन दरिंदो से जिन्हे पटियाला कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है ,और वह चारो अपनी मौत की तारीख मुकर्रर होने के साथ ही निर्भया के चारों गुनहगारों की रात बेचैनी में गुजरी। मंगलवार रात को सभी दोषी रात भर जागते रहे। चारों ने मंगलवार रात से ही एक हद तक खाना-पीना छोड़ दिया है। सजा की सूचना मिलने के बाद से ही सभी दोषी किसी से बातचीत तक नहीं कर रहे हैं। मंगलवार रात को सोने से पहले सभी सेल की तलाशी ली गई।
लेकिन सभी ने नाश्ता भी ठीक से नहीं किया। दिन में कुछ देर के लिए अक्षय की आंख जरूर लग गई। लेकिन बाकी तीनों दोषी बिल्कुल नहीं सोए। जेल अधिकारियों का कहना है कि फांसी की तारीख का पता चलने के बाद कैदियों का बर्ताव ऐसा ही होता है। मंगलवार शाम को चारों ने न के बराबर खाना खाया। बुधवार को भी इनकी यही हालत रही।
बुधवार सुबह और शाम चारों दोषियों की हुई मेडिकल जांच
बुधवार सुबह आठ और शाम को छह बजे सभी दोषियों की मेडिकल जांच की गई। जांच के दौरान मनोचिकित्सक भी मौजूद रहे। जेल सूत्रों का कहना है कि चारों दोषियों में सबसे ज्यादा अक्षय भयभीत है। अक्षय की ओर से कहा जा रहा है कि वह 22 जनवरी से पहले सुप्रीम कोर्ट में अपनी क्यूरेटिव पिटीशन फाइल करेगा।
उम्मीद की जा रही है कि बाकी दोषी भी ऐसा कर सकते हैं। क्यूरेटिव पिटीशन के अलावा इन सभी के पास अभी राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने का भी मौका है।
जानकारी के अनुसार चारों दोषियों में अक्षय ही शादीशुदा है। उसके बच्चे भी हैं। जेल मैनुअल के हिसाब से डेथ वारंट जारी होने के बाद फांसी से पहले की सभी तरह की कार्रवाई शुरू कर दी जाती हैं। इसमें परिजनों को भी दोषियों से मिलवाया जाता है। उनकी अंतिम इच्छा भी पूरी करने की बात होती है।
मनोचित्किसक दोषियों से मिलकर उनकी मनोदशा की पड़ताल करते हैं। दूसरी ओर जेल सूत्रों का कहना है कि क्यूरेटिव पिटीशन के बाद यदि इनकी फांसी की तारीख टल जाती है तो दोबारा फांसी के लिए इनका डेथ वारंट लिया जाएगा। इसके लिए जेल प्रशासन की ओर से दोबारा कोर्ट में नई तारीख ली जाएगी।
* अक्षय तो सारी रात बैठा रहा। वहीं बाकी तीनों मुकेश, पवन और विनय लेट तो गए, लेकिन उनको नींद नही आई।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली। मौत तो एक दिन आनी ही है,कहना कितना आसान होता है पर जब मौत आती है या फिर उसके आने का समय निर्धारित हो जाये तो गिनती के दिन गुजरना कितना भारी होता है। यह अगर जानना है तो जानिए निर्भया के उन दरिंदो से जिन्हे पटियाला कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है ,और वह चारो अपनी मौत की तारीख मुकर्रर होने के साथ ही निर्भया के चारों गुनहगारों की रात बेचैनी में गुजरी। मंगलवार रात को सभी दोषी रात भर जागते रहे। चारों ने मंगलवार रात से ही एक हद तक खाना-पीना छोड़ दिया है। सजा की सूचना मिलने के बाद से ही सभी दोषी किसी से बातचीत तक नहीं कर रहे हैं। मंगलवार रात को सोने से पहले सभी सेल की तलाशी ली गई।
जेल सूत्रों के अनुसार अक्षय तो सारी रात बैठा रहा। वहीं बाकी तीनों मुकेश, पवन और विनय लेट तो गए, लेकिन उनको नींद नही आई। रातभर करवटें बदलते रहे। सुबह के समय उनको सेल में ही नाश्ता दिया गया।
बुधवार सुबह और शाम चारों दोषियों की हुई मेडिकल जांच
बुधवार सुबह आठ और शाम को छह बजे सभी दोषियों की मेडिकल जांच की गई। जांच के दौरान मनोचिकित्सक भी मौजूद रहे। जेल सूत्रों का कहना है कि चारों दोषियों में सबसे ज्यादा अक्षय भयभीत है। अक्षय की ओर से कहा जा रहा है कि वह 22 जनवरी से पहले सुप्रीम कोर्ट में अपनी क्यूरेटिव पिटीशन फाइल करेगा।
उम्मीद की जा रही है कि बाकी दोषी भी ऐसा कर सकते हैं। क्यूरेटिव पिटीशन के अलावा इन सभी के पास अभी राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने का भी मौका है।
जानकारी के अनुसार चारों दोषियों में अक्षय ही शादीशुदा है। उसके बच्चे भी हैं। जेल मैनुअल के हिसाब से डेथ वारंट जारी होने के बाद फांसी से पहले की सभी तरह की कार्रवाई शुरू कर दी जाती हैं। इसमें परिजनों को भी दोषियों से मिलवाया जाता है। उनकी अंतिम इच्छा भी पूरी करने की बात होती है।
मनोचित्किसक दोषियों से मिलकर उनकी मनोदशा की पड़ताल करते हैं। दूसरी ओर जेल सूत्रों का कहना है कि क्यूरेटिव पिटीशन के बाद यदि इनकी फांसी की तारीख टल जाती है तो दोबारा फांसी के लिए इनका डेथ वारंट लिया जाएगा। इसके लिए जेल प्रशासन की ओर से दोबारा कोर्ट में नई तारीख ली जाएगी।
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