* केंद्रीय पर्यवेक्षक व मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल देहरादून पहुंच गए है।
* चर्चा है कि वे नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का लिफाफा केंद्रीय पर्यवेक्षकगण दिल्ली से साथ लेकर आएं है ।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून / नई दिल्ली। उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव बृहस्पतिवार (आज )प्रदेश पार्टी कार्यालय में होगा।प्रदेश चुनाव अधिकारी बलवंत सिंह मौर्याभौर्याल ने बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी। चुनाव के लिए बनाए गए केंद्रीय पर्यवेक्षक व मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल देहरादून पहुंच गए है। चर्चा है कि वे नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का लिफाफा केंद्रीय पर्यवेक्षकगण दिल्ली से साथ लेकर आएं है ।
आपको बता दे कि कालाढूंगी के विधायक बंशीधर भगत को उत्तराखंड भाजपा की कमान मिल सकती है। नए अध्यक्ष के नामों पर केंद्रीय नेतृत्व ने कई दौर की बैठकों में कई नामों पर चर्चा की। हालाकि भगत के नाम पर मुहर नहीं लगी है, मगर वह फिलहाल सबसे आगे है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि भगत के अलावा सांसद अजय भट्ट, अजय टम्टा, बलराज पासी, पुष्कर धामी, राजेन्द्र भंडारी के नामों पर भी चर्चा हुई। केंद्रीय नेतृत्व की नए चेहरे को आजमाने की बात की है। इस दृष्टि से विधायक भगत सबसे आगे हैं। उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष निर्वाचन की प्रतिक्रिया बीते महीने शुरू कर दी गई थी। जब शिवराज सिंह चौहान ने बतौर पर्यवेक्षक नेताओ और विधायकों की राय ली थी ।
इधर पार्टी के सियासी हलकों में गर्म चर्चाओं में वरिष्ठ विधायक बंशीधर भगत का नाम सबसे आगे चल रहा है। क्षेत्रीय जातीय समीकरण भगत के पक्ष में मानी जा रहे। इस बीच पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पूरन सिंह शर्मा के भाई कैलाश शर्मा का भी नाम अचानक चर्चा में आ गया। पार्टी के एक खेमे से जुड़े सूत्रों का कहना है कि शर्मा के लिए दौड़ से बाहर हुए दो बड़े नेता लाबिंग कर रहे है। लेकिन उनकी पैरवी कितनी कारगर हो पायेगी ,यह बृहस्पतिवार (आज )को चुनाव के दौरान साफ हो जायेगा।
आरएसएस पृष्ठभूमि के हिसाब से कैलाश पंत ,कैलाश जोशी के नाम भी चर्चाओं में रहे है। विधायक पुष्कर सिंह धामी और बलराज पासी भी दौड़ से बाहर नहीं माने जा रहे हैं।
इधर पार्टी के एक बड़े वर्ग का मानना है कि संगठन की कमान किस नेता को सौंपनी है,इसे केंद्रीय नेतृत्व पहले ही तय कर चुका है। प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा अब मात्र औपचारिकता भर है।
उनका कहना है कि केंद्रीय पर्यवेक्षकगण नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का लिफाफा साथ लेकर आए हैं और अध्यक्ष की घोषणा कर देंगे।
* चर्चा है कि वे नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का लिफाफा केंद्रीय पर्यवेक्षकगण दिल्ली से साथ लेकर आएं है ।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून / नई दिल्ली। उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव बृहस्पतिवार (आज )प्रदेश पार्टी कार्यालय में होगा।प्रदेश चुनाव अधिकारी बलवंत सिंह मौर्याभौर्याल ने बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी। चुनाव के लिए बनाए गए केंद्रीय पर्यवेक्षक व मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल देहरादून पहुंच गए है। चर्चा है कि वे नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का लिफाफा केंद्रीय पर्यवेक्षकगण दिल्ली से साथ लेकर आएं है ।
आपको बता दे कि कालाढूंगी के विधायक बंशीधर भगत को उत्तराखंड भाजपा की कमान मिल सकती है। नए अध्यक्ष के नामों पर केंद्रीय नेतृत्व ने कई दौर की बैठकों में कई नामों पर चर्चा की। हालाकि भगत के नाम पर मुहर नहीं लगी है, मगर वह फिलहाल सबसे आगे है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि भगत के अलावा सांसद अजय भट्ट, अजय टम्टा, बलराज पासी, पुष्कर धामी, राजेन्द्र भंडारी के नामों पर भी चर्चा हुई। केंद्रीय नेतृत्व की नए चेहरे को आजमाने की बात की है। इस दृष्टि से विधायक भगत सबसे आगे हैं। उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष निर्वाचन की प्रतिक्रिया बीते महीने शुरू कर दी गई थी। जब शिवराज सिंह चौहान ने बतौर पर्यवेक्षक नेताओ और विधायकों की राय ली थी ।
इधर पार्टी के सियासी हलकों में गर्म चर्चाओं में वरिष्ठ विधायक बंशीधर भगत का नाम सबसे आगे चल रहा है। क्षेत्रीय जातीय समीकरण भगत के पक्ष में मानी जा रहे। इस बीच पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पूरन सिंह शर्मा के भाई कैलाश शर्मा का भी नाम अचानक चर्चा में आ गया। पार्टी के एक खेमे से जुड़े सूत्रों का कहना है कि शर्मा के लिए दौड़ से बाहर हुए दो बड़े नेता लाबिंग कर रहे है। लेकिन उनकी पैरवी कितनी कारगर हो पायेगी ,यह बृहस्पतिवार (आज )को चुनाव के दौरान साफ हो जायेगा।
आरएसएस पृष्ठभूमि के हिसाब से कैलाश पंत ,कैलाश जोशी के नाम भी चर्चाओं में रहे है। विधायक पुष्कर सिंह धामी और बलराज पासी भी दौड़ से बाहर नहीं माने जा रहे हैं।
इधर पार्टी के एक बड़े वर्ग का मानना है कि संगठन की कमान किस नेता को सौंपनी है,इसे केंद्रीय नेतृत्व पहले ही तय कर चुका है। प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा अब मात्र औपचारिकता भर है।
उनका कहना है कि केंद्रीय पर्यवेक्षकगण नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का लिफाफा साथ लेकर आए हैं और अध्यक्ष की घोषणा कर देंगे।
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