* 18 जनवरी को उत्तराखंड के कुछ क्षेत्रों में कोल्ड डे की संभावना है।
* राज्य के तीन हजार मीटर से ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में भी बर्फ गिरने का अनुमान है।
* चांगथांग के साथ ही झाला के पास विशाल हिमखंड टूटने से गंगोत्री हाईवे अवरुद्ध हो गया।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून/ हरिद्वार। दो दिनों तक मौसम साफ रहने के बाद उत्तरखण्ड में मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के बाद मौसम का मिज़ाज़ फिर बिगड़ गया है। मौसम केंद्र की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार बृहस्पतिवार और शुक्रवार को राज्य के ज्यादातर इलाकों में बारिश होने और ओले गिरने का अनुमान है।
वहीं आज दोपहर बाद राजधानी देहरादून, अल्मोड़ा, रानीखेत में बादल छा गए। नैनीताल में ओलावृष्टि हुई और फिर बारिश शुरू हो गई। ज्योलीकोट में भी बारिश शुरू हो गई। वही हरिद्वार में भी दोपहर से लगातार बारिश हो रही है।
मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली और पिथौरागढ़ जिलों के ऊंचाई वाले स्थानों पर बर्फ भी गिर सकती है। राज्य के तीन हजार मीटर से ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में भी बर्फ गिरने का अनुमान है। जबकि 18 जनवरी को उत्तराखंड के कुछ क्षेत्रों में कोल्ड डे की संभावना है।
हिमखंड गिरने से गंगोत्री हाईवे दो जगह अवरुद्ध
इस बार सर्दियों में दिसंबर से ही गंगोत्री घाटी में भीषण बर्फबारी से क्षेत्र में हिमखंड दरकने का खतरा बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को चांगथांग के साथ ही झाला के पास विशाल हिमखंड टूटने से गंगोत्री हाईवे अवरुद्ध हो गया था। हालांकि बीआरओ ने झाला में तो हाईवे बहाल कर दिया है, लेकिन धराली से तीन किमी आगे चांगथांग ग्लेशियर वाले हिस्से में अभी काम चल रहा है।
गंगोत्री घाटी में पछियारी, सेना कैंप के पास डकरोल्या, सुक्की, सोनगाड, डबराणी, चांगथांग एवं गंगोत्री धाम में भैरोंझाप के साथ ही डबराणी से भोजवासा के बीच तीस से अधिक ग्लेशियर प्वाइंट हैं। वर्ष 2002 में गंगोत्री गंगा बाग के पास आए 40 फीट मोटाई वाले हिमखंड ने करीब 84 घंटे तक गंगा भागीरथी का प्रवाह अवरुद्ध कर दिया था।
तब भारी बर्फबारी के कारण तपोवन में रह रहे नेपाली बाबा और इजराइली माई लापता हो गए थे और गंगोत्री त्रिकुटी गुफा में साधनारत स्वामी योगानंद की दम घुटने से मौत हो गई थी। कई साधुओं को गुफाओं से सुरक्षित निकाल लिया गया था। तब भोजवासा स्थित स्नो एंड एवलांच स्टडी सेंटर ने वहां 16 फीट बर्फबारी दर्ज की थी। इसके अलावा धराली से करीब तीन किमी आगे चांगथांग में कमोबेश हर साल आने वाला हिमखंड गंगोत्री हाईवे को अवरुद्ध कर देता है।
इस बार दिसंबर से ही भारी बर्फबारी का दौर शुरू होने से गंगोत्री घाटी में हिमखंड टूटने का खतरा बढ़ गया है। जानकारों के मुताबिक भारी बर्फबारी के बाद धूप खिलने पर यह खतरा बढ़ जाता है। इस बार अभी तक डबराणी से गंगोत्री के बीच छह स्थानों पर हिमखंड टूटने से गंगोत्री हाईवे अवरुद्ध हो चुका है।
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