* शरजील इमाम,फैजुल हसन,ओवैशी और उसके जैसी सोच वाले जिहादियो को जड़ से उखाड़ने के लिये कड़े कानून बनाये भारत सरकार-यति नरसिंहानन्द सरस्वती
* नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद की परिस्थितियों पर विमर्श किया गया।
(ब्यूरो , न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
गाज़ियाबाद। गाज़ियाबाद आर डी सी स्थित होटल कृष्णा सागर में शीर्ष हिंदूवादी और राष्ट्रवादी संगठनों के नेताओ की एक बैठक हुई जिसमें नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद की परिस्थितियों पर विमर्श किया गया।
बैठक को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिंहानन्द सरस्वती जी ने कहा की शरजील इमाम और फैजुल हसन जैसे लोगो ने खुल कर स्वीकार किया है की उनकी इस देश मे तबाही मचाने की योजना है और वो इस देश को इस्लामिक देश बनाने का मंसूबा पाले हुए हैं।यह बात हम पिछले बहुत सालो से लगातार कहते आ रहे हैं।
* नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद की परिस्थितियों पर विमर्श किया गया।
(ब्यूरो , न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
गाज़ियाबाद। गाज़ियाबाद आर डी सी स्थित होटल कृष्णा सागर में शीर्ष हिंदूवादी और राष्ट्रवादी संगठनों के नेताओ की एक बैठक हुई जिसमें नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद की परिस्थितियों पर विमर्श किया गया।
बैठक को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिंहानन्द सरस्वती जी ने कहा की शरजील इमाम और फैजुल हसन जैसे लोगो ने खुल कर स्वीकार किया है की उनकी इस देश मे तबाही मचाने की योजना है और वो इस देश को इस्लामिक देश बनाने का मंसूबा पाले हुए हैं।यह बात हम पिछले बहुत सालो से लगातार कहते आ रहे हैं।
दिल्ली के शाहीन बाग से जिस तरह औरतो और बच्चों की बाते सुनने को मिली हैं, उससे तो ये ही पता चलता है की भारत के मुसलमान भी पाकिस्तान की तरह ही हिन्दुओ को जड़ से साफ करने की रणनीति बना रहे हैं।सरकार को चाहिये की ऐसे मनसूबे बनाने वालों को जड़ से खत्म करे और जरूरत पड़े तो इसके लिये कठोर कानून भी बनाये।
उन्होंने आगे यह भी कहा की अब देश के जागरूक हिन्दुओ को केवल सरकार के भरोसे पर नही बैठना चाहिये और खुले मन से अब तक की गलतियों को स्वीकार करके आगे के लिये ठोस रणनीति बनानी चाहिये।कहीं ऐसा न हो की फिर से देश के बटवारे का इतिहास दोहरा दिया जाए।
यति नरसिंहानन्द सरस्वती जी के अनुरोध पर उपस्थित जन समुदाय ने तय किया की इस अति गम्भीर मुद्दे पर खुले विमर्श के लिये पूरे देश से बुद्धिजीवियों को आमंत्रित किया जाए और जन मानस को आगे आने वाले खतरों से परिचित करवाया जाए।इसके लिये 11 और 12 अप्रैल 2020 को सनातन धर्म की आध्यात्मिक राजधानी हरिद्वार में दो दिन का कार्यक्रम "धर्म संवाद" रखा जाए जिसमे देश सभी गैर इस्लामिक धर्मों के आदरणीय धर्मगुरुओ को भी आमंत्रित किया जाए और उनके साथ मिलकर समाधान की दिशा में चला जाये।
बैठक में वीर चक्र विजेता कर्नल टी पी एस त्यागी जी को सर्वसम्मति से इस कार्यक्रम का मुख्य संयोजक बनाया गया और उनसे सभी गैर इस्लामिक धर्मगुरुओ से सम्पर्क करके उन्हें आमन्त्रित करने का अनुरोध किया गया।
बैठक में वरिष्ठ हिन्दू विचारक विनोद सर्वोदय जी, अनिल यादव,शुभम मंगला,सर्वेश मित्तल जी,सुबोध गर्ग जी,सतीश गर्ग जी,प्रमोद कुमार बंसल जी,सतेंद्र त्यागी,कृष्णा त्यागी, अरुण त्यागी,अधिवक्ता सुधीर त्यागी, पूजा शर्मा,उषा राणा,प्रदीप त्यागी प्रधान जी,एडवोकेट सुनील प्रजापति, डॉ पूनम शर्मा तथा अन्य गणमान्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
उन्होंने आगे यह भी कहा की अब देश के जागरूक हिन्दुओ को केवल सरकार के भरोसे पर नही बैठना चाहिये और खुले मन से अब तक की गलतियों को स्वीकार करके आगे के लिये ठोस रणनीति बनानी चाहिये।कहीं ऐसा न हो की फिर से देश के बटवारे का इतिहास दोहरा दिया जाए।
यति नरसिंहानन्द सरस्वती जी के अनुरोध पर उपस्थित जन समुदाय ने तय किया की इस अति गम्भीर मुद्दे पर खुले विमर्श के लिये पूरे देश से बुद्धिजीवियों को आमंत्रित किया जाए और जन मानस को आगे आने वाले खतरों से परिचित करवाया जाए।इसके लिये 11 और 12 अप्रैल 2020 को सनातन धर्म की आध्यात्मिक राजधानी हरिद्वार में दो दिन का कार्यक्रम "धर्म संवाद" रखा जाए जिसमे देश सभी गैर इस्लामिक धर्मों के आदरणीय धर्मगुरुओ को भी आमंत्रित किया जाए और उनके साथ मिलकर समाधान की दिशा में चला जाये।
बैठक में वीर चक्र विजेता कर्नल टी पी एस त्यागी जी को सर्वसम्मति से इस कार्यक्रम का मुख्य संयोजक बनाया गया और उनसे सभी गैर इस्लामिक धर्मगुरुओ से सम्पर्क करके उन्हें आमन्त्रित करने का अनुरोध किया गया।
बैठक में वरिष्ठ हिन्दू विचारक विनोद सर्वोदय जी, अनिल यादव,शुभम मंगला,सर्वेश मित्तल जी,सुबोध गर्ग जी,सतीश गर्ग जी,प्रमोद कुमार बंसल जी,सतेंद्र त्यागी,कृष्णा त्यागी, अरुण त्यागी,अधिवक्ता सुधीर त्यागी, पूजा शर्मा,उषा राणा,प्रदीप त्यागी प्रधान जी,एडवोकेट सुनील प्रजापति, डॉ पूनम शर्मा तथा अन्य गणमान्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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