* दो दिन पहले निर्भया के दोषियों को अलग -अलग फांसी देने की केंद्र सरकार दिल्ली हाईकोर्ट ने ठुकरा दिया था।
* इसके बाद केंद्र ने हाईकोर्ट के फैसले को याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली। निर्भया गैंग रेप दोषियों को अलग -अलग फांसी देने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
केंद्र सरकार की याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट इस पर सुनवाई करेगी। दो दिन पहले 'निर्भया' के दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की केंद्र सरकार की मांग को दिल्ली हाईकोर्ट ने ठुकरा दिया था। इसके बाद केंद्र ने हाईकोर्ट के फैसले को याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
इससे पहले बुधवार को केंद्र की अर्जी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई हुई थी, जिसमें अदालत ने 'निर्भया' मामले में चारों दोषियों को एक साथ ही फांसी दिए जाने की बात कही थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने सभी दोषियों को यह निर्देश दिया था कि वो एक सप्ताह में सभी कानूनी उपाय पूरे करें। अगर दोषी सात दिन में अपने कानूनी उपाय नहीं अपनाते तो प्रशासन कानून के मुताबिक आगे की कार्रवाई करने को स्वतंत्र होगा। हाईकोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी।
क्या है निर्भया गैंगरेप का मामला
बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 की रात 23 साल की एक पैरामेडिकल स्टूडेंट अपने दोस्त के साथ दक्षिण दिल्ली के मुनिरका इलाके में बस स्टैंड पर खड़ी थी। दोनों फिल्म देखकर घर लौटने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इंतजार कर रहे थे। इस दौरान वो वहां से गुजर रहे एक प्राइवेट बस में सवार हो गए। इस चलती बस में एक नाबालिग समेत छह लोगों ने युवती के साथ बर्बर तरीके से मारपीट और गैंगरेप किया था। इसके बाद उन्होंने पीड़िता को चलती बस से फेंक दिया था। बुरी तरह जख्मी युवती को बेहतर इलाज के लिए एयर लिफ्ट कर सिंगापुर ले जाया गया था। यहां 29 दिसंबर, 2012 को अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी. घटना के बाद पीड़िता को काल्पनिक नाम ‘निर्भया’ दिया गया था।
* इसके बाद केंद्र ने हाईकोर्ट के फैसले को याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली। निर्भया गैंग रेप दोषियों को अलग -अलग फांसी देने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
केंद्र सरकार की याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट इस पर सुनवाई करेगी। दो दिन पहले 'निर्भया' के दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की केंद्र सरकार की मांग को दिल्ली हाईकोर्ट ने ठुकरा दिया था। इसके बाद केंद्र ने हाईकोर्ट के फैसले को याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
इससे पहले बुधवार को केंद्र की अर्जी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई हुई थी, जिसमें अदालत ने 'निर्भया' मामले में चारों दोषियों को एक साथ ही फांसी दिए जाने की बात कही थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने सभी दोषियों को यह निर्देश दिया था कि वो एक सप्ताह में सभी कानूनी उपाय पूरे करें। अगर दोषी सात दिन में अपने कानूनी उपाय नहीं अपनाते तो प्रशासन कानून के मुताबिक आगे की कार्रवाई करने को स्वतंत्र होगा। हाईकोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी।
क्या है निर्भया गैंगरेप का मामला
बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 की रात 23 साल की एक पैरामेडिकल स्टूडेंट अपने दोस्त के साथ दक्षिण दिल्ली के मुनिरका इलाके में बस स्टैंड पर खड़ी थी। दोनों फिल्म देखकर घर लौटने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इंतजार कर रहे थे। इस दौरान वो वहां से गुजर रहे एक प्राइवेट बस में सवार हो गए। इस चलती बस में एक नाबालिग समेत छह लोगों ने युवती के साथ बर्बर तरीके से मारपीट और गैंगरेप किया था। इसके बाद उन्होंने पीड़िता को चलती बस से फेंक दिया था। बुरी तरह जख्मी युवती को बेहतर इलाज के लिए एयर लिफ्ट कर सिंगापुर ले जाया गया था। यहां 29 दिसंबर, 2012 को अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी. घटना के बाद पीड़िता को काल्पनिक नाम ‘निर्भया’ दिया गया था।
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