(व्यूरो ,न्यूज़ 1 हिंदुस्तान )
गोपेश्वर। चमोली जिले में चार मतदान केंद्रों पर ग्रामीणों ने मतदान में हिस्सा न लेकर विरोध दर्ज किया। इन गांवों में सड़क सहित अन्य समस्याओं को लेकर ग्रामीण प्रशासन व सरकार से नाराज थे। हालांकि प्रशासन ने इन्हें मनाने का भी प्रयास किया। ग्रामीणों ने मतदान से अलग होकर अपना आक्रोश जताया।
थराली विधानसभा के नारायणबगड़ विकासखंड के बमियाला, कफोली तथा गंडिक बूथों पर मतदाताओं ने मतदान से अपने को अलग रखा। कफोली मतदान केंद्र में 322 मतदाता, बमियाला में 259 तथा गंडिक में 223 मतदाता थे। इस क्षेत्र के लोग सड़क सुविधा से वंचित हैं। तीन ग्राम पंचायतों के लिए आठ वर्ष पूर्व नलगांव से 12.5 किमी कंडवालगांव- कफोली बमियाला मोटर मार्ग की स्वीकृति मिली थी किंतु सड़क का निर्माण कार्य आज तक शुरू नहीं हो पाया। सड़क निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने कई बार आंदोलन भी किए थे। जिला प्रशासन को भी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी गई थी। परंतु ग्रामीणों की मांग को लेकर कोई सकारात्मक निर्णय न होने से ग्रामीणों ने अपने को मतदान से अलग रखा। कफोली के प्रधान भागचंद लाल का कहना है कि उनकी मांग जब हर स्तर पर अनसुनी हुई तो उन्हें यह कदम उठाना पड़ा। ग्रामीणों ने तो बकायदा दिनभर मतदान केंद्र के पास के घरों के चैक में धरना भी दिया। थराली विधानसभा के कफोली पोलिग बूथ की मतदाता सूची से एक मतदान हुआ है। तीन वोट मतदान कर्मचारियों ने डाले हैं। बमियाला में दो वोट व गंडिक में दो वोट मतदानकर्मियों ने डाले हैं। बदरीनाथ विधानसभा के पोखनी पोलिग बूथ पर भी मतदान नहीं हुआ। इस बूथ के पोखनी, ह्यूंणा व तिरोसी के ग्रामीणो ने लोकतंत्र के महापर्व में भाग नहीं लिया। इस बूथ पर कुल 253 मतदाता हैं। इस बूथ पर तीन चुनाव कर्मियों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि पिछले तीन सालों से वह सड़क की मांग कर रहे हैं। परंतु न ही सरकार और न ही प्रशासन उनकी मांग पर गौर कर रहा है। ग्राम प्रधान भादी देवी का कहना था कि सरकार व प्रशासन ने लगातार इस क्षेत्र की उपेक्षा की जा रही है। बताया कि इन गांवों के लिए 2010-11 में पाखी हयूंणा लांजी पोखनी सड़क स्वीकृत है। वन सड़क निर्माण शुरू होना तो दूर अभी सर्वे तक नहीं हो पाया है।
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