(संतोष कुमार तिवारी)
भदोही। जिस मालिक का नमक खाकर लोग नमक हलाल बनते है लेकिन पैसों की लालच मनुष्य को नमक हलाल से नमक हराम कब बना देता है। यह बात आज तक किसी को समझ में नही आई है क्योकि आज पैसा ही लोगो को सब कुछ है। पैसे के लिए लोग अपने नैतिक कर्तव्य, रिश्ते व विश्वास को भी ठोकर मार कर पैसे के पीछे भागते है। जो बाद में कही न कही उनको ही नुकसान पहुंचाता है। चाहे वह रिश्ता टूटे या व्यवहार। इससे कोई खास फर्क नही पडता है। एक ऐसा ही मामला प्रयागराज जिले के इलाहाबाद विकास प्राधिकरण के कार्यों का ठेका लेने वाले अखिलेश सिंह के साथ उनका पूर्व का ड्राइवर संजय यादव ने नमक हरामी की लेकिन पुलिस की पकड में अपहरणकर्ता आ गया लेकिन उसकी मौत भी हो गई। जिस पैसे के लिए उस ड्राइबर ने अपने मालिक के विश्वास को तोडकर तीन करोड की फिरौती की मांग की लेकिन पुलिस की सक्रियता से अपहरणकर्ता को तीन करोड क्या तीन रूपया भी न मिला बल्कि मौत ही मिल गई।
जानकारी के मुताबिक ठेकेदार अखिलेश सिंह जो अल्लापुर में रहते है। उनका बेटा रणवीर सिंह (6) सिविल लाइन्स में स्थित बीएचएस में जिमनास्टिक हाल में सायं 5 से 7 बजे तक प्रशिक्षण लेता है। मंगलवार को भी शाम को करीब साढे 6 बजे बच्चा गया था। और अपहरणकर्ता संजय यादव ने जिमनास्टिक कोच अभिलाष से बच्चे को यह कहकर ले गया कि उसके पिता बुलाये है, रणवीर का आज जन्मदिन है। लेकिन बच्चे को लेने के बाद संजय ने अपहरण करके फोन से अखिलेश से तीन करोड रूपये की फिरौती मांगी। फिर इस घटना की जानकारी पुलिस को दी अखिलेश ने और सूचना के बाद तुरन्त एक्शन में आई पुलिस ने अपना जाल बिछाया और अपहरणकर्ता को भदोही जिले की पुलिस के साथ संयुक्त अभियान में भदोही जिले के मतेथू के पास से मुठभेड के दौरान गिरफ्तार करके बच्चे को सकुशल बरामद किया। लेकिन मुठभेड के दौरान अपहरणकर्ता ने खुद को गोली मार ली। फिर पुलिस उसे जिला चिकित्सालय ज्ञानपुर ले गई जहां चिकित्सकों ने अपहरणकर्ता को मृत घोषित कर दिया। बच्चा को 6 घंटे के अन्दर सकुशल वापस पाने के बाद अखिलेश सिंह ने राहत की सांस ली। अपहरणकर्ता संजय यादव के शव को ज्ञानपुर में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
भदोही। जिस मालिक का नमक खाकर लोग नमक हलाल बनते है लेकिन पैसों की लालच मनुष्य को नमक हलाल से नमक हराम कब बना देता है। यह बात आज तक किसी को समझ में नही आई है क्योकि आज पैसा ही लोगो को सब कुछ है। पैसे के लिए लोग अपने नैतिक कर्तव्य, रिश्ते व विश्वास को भी ठोकर मार कर पैसे के पीछे भागते है। जो बाद में कही न कही उनको ही नुकसान पहुंचाता है। चाहे वह रिश्ता टूटे या व्यवहार। इससे कोई खास फर्क नही पडता है। एक ऐसा ही मामला प्रयागराज जिले के इलाहाबाद विकास प्राधिकरण के कार्यों का ठेका लेने वाले अखिलेश सिंह के साथ उनका पूर्व का ड्राइवर संजय यादव ने नमक हरामी की लेकिन पुलिस की पकड में अपहरणकर्ता आ गया लेकिन उसकी मौत भी हो गई। जिस पैसे के लिए उस ड्राइबर ने अपने मालिक के विश्वास को तोडकर तीन करोड की फिरौती की मांग की लेकिन पुलिस की सक्रियता से अपहरणकर्ता को तीन करोड क्या तीन रूपया भी न मिला बल्कि मौत ही मिल गई।
जानकारी के मुताबिक ठेकेदार अखिलेश सिंह जो अल्लापुर में रहते है। उनका बेटा रणवीर सिंह (6) सिविल लाइन्स में स्थित बीएचएस में जिमनास्टिक हाल में सायं 5 से 7 बजे तक प्रशिक्षण लेता है। मंगलवार को भी शाम को करीब साढे 6 बजे बच्चा गया था। और अपहरणकर्ता संजय यादव ने जिमनास्टिक कोच अभिलाष से बच्चे को यह कहकर ले गया कि उसके पिता बुलाये है, रणवीर का आज जन्मदिन है। लेकिन बच्चे को लेने के बाद संजय ने अपहरण करके फोन से अखिलेश से तीन करोड रूपये की फिरौती मांगी। फिर इस घटना की जानकारी पुलिस को दी अखिलेश ने और सूचना के बाद तुरन्त एक्शन में आई पुलिस ने अपना जाल बिछाया और अपहरणकर्ता को भदोही जिले की पुलिस के साथ संयुक्त अभियान में भदोही जिले के मतेथू के पास से मुठभेड के दौरान गिरफ्तार करके बच्चे को सकुशल बरामद किया। लेकिन मुठभेड के दौरान अपहरणकर्ता ने खुद को गोली मार ली। फिर पुलिस उसे जिला चिकित्सालय ज्ञानपुर ले गई जहां चिकित्सकों ने अपहरणकर्ता को मृत घोषित कर दिया। बच्चा को 6 घंटे के अन्दर सकुशल वापस पाने के बाद अखिलेश सिंह ने राहत की सांस ली। अपहरणकर्ता संजय यादव के शव को ज्ञानपुर में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
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