(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार | भारत साधु समाज के प्रमुख संतो के बीच चल रही रार क्या बढ़ेगी ?हालत तो अभी यही दर्शाते है,कि उनके बीच की रार अभी और बढ़ेगी ?
महंत ऋषीश्वरानन्द के अनुसार वह अभी राष्ट्रीय प्रवक्ता है | उन्हें पद से हटाने का किसी के पास अधिकार ही नहीं है |
विदित हो कि भारत साधु समाज के प्रमुख संतो (स्वामी ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी व् महंत ऋषिश्वरानन्द )के बीच चली आ रही रार अब खुलकर सामने आ गई है | जिसका परिणाम यह रहा की महंत ऋषिश्वरानन्द उर्फ़ संजय महंत को भारत साधु समाज के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से हाथ धोना पड़ा था | और उनकी जगह पर स्वामी विवेकानन्द सरस्वती को पदारूढ़ कर दिया गया था |
उधर महंत ऋषिश्वरानन्द उर्फ़ संजय महंत का खान है कि जब कार्यकारिणी का अधिकार 2017 में समाप्त हो चूका है तोउन्हें पद से हटाने का किसी को अधिकार ही कहा रह गया | महंत ऋषिश्वरानन्द उर्फ़ संजय महंत का कहना है की भारत साधु समाज के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती कमेटी का कार्यकाल मात्र पांच साल का ही था | जो 2017 में समाप्त हो चूका है | उसके बाद स्वामी हरिनारायणा नन्द की अस्व्स्था के कारण उक्त कमिटी का कार्यकाल बढ़ा ही नहीं | जबकि संस्थापक महामंत्री स्वामी हरिनारायणा नन्द द्वारा उन्हें 9 अगस्त 2018 में उन्हें पुनः राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया जा चूका है | तो ऐसे में इस कमिटी द्वारा उन्हें पद से हटाया जाना अमान्य है | इतना ही नहीं अमेठी को अस्तित्व में ना होने के कारण किसी को पद से हटाने का अधिकार ही नहीं होता है |
इतना ही नहीं ,महंत ऋषिश्वरानन्द उर्फ़ संजय महंत का कहना है की जो लोग मिथ्या बयानबाजी कर रहे है उन्हें क़ानूनी दृष्टि से जबाब दिया जायेगा |
इस संबन्ध में स्वामी ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी से बात की गई तो उनका कहना था कि इस सम्बन्ध में वह कुछ भी नहीं कहना चाहते है | इसके लिए भारत साधु समाज के महामंत्री से बात करे |
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