उप्र सरकार से कहा कि वह महिला, उसके भाई का दाखिला दूसरे संस्थान में कराए ।
क्योंकि उन्हें चिन्मयानंद के ट्रस्ट द्वारा संचालित कॉलेज में पढ़ने में डर है।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ आरोप लगाने वाली छात्रा के आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करे। आपको बता दे कि छात्रा को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट ने सुरक्षा कारणों से चलते छात्रा को पुलिस सुरक्षा में दिल्ली में रहने का आदेश दिया था। आज मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश आर भानुमति और एएस बोपन्ना की पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अनुरोध किया था कि माम।ले में दाखिल की गई दो क्रॉस एफआईआर में जांच की निगरानी के लिए एक बेंच का गठन करे। पीठ ने कहा कि विशेष जांच दल, जिसमें एसपी स्तर का एक अधिकारी भी होगा, छात्रा के आरोपों की जांच करे ।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार इस एसआईटी का नेतृत्व आईजीस्तर का अधिकारी करेगा। उच्चतम न्यायालय ने उप्र सरकार से कहा कि वह महिला, उसके भाई का दाखिला दूसरे संस्थान में कराए ।क्योंकि उन्हें चिन्मयानंद के ट्रस्ट द्वारा संचालित कॉलेज में पढ़ने में डर है।
वही छात्रा के पिता का आरोप है कि उसकी बेटी को 72 वर्षीय भाजपा नेता चिन्मयानंद ने लापता कराया था, जो मुमुक्षु आश्रम चलाते हैं। उनकी बेटी आश्रम द्वारा संचालित एक कॉलेज में परास्नातक की छात्रा है। बता दें कि उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक छात्रा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जिसके बाद वह लापता हो गई थी। बाद में छात्रा राजस्थान में पाई गई थी।
गौरतलब है कि छात्रा के लापता होने के बाद एक वीडियो क्लिप में चिन्मयानंद पर छात्रा द्वारा उत्पीड़न के आरोपों के आधार पर 27 अगस्त को कि शाहजहांपुर पुलिस ने चिन्मयानंद के खिलाफ एफआईआर लिखी थी। वीडियो में छात्रा ने अपने और अपने परिवार पर खतरा होने की बात भी कही थी। छात्रा के पिता ने चिन्मयानंद पर उसकी बेटी का यौन शोषण करने का आरोप लगाते हुए पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई थी। हालांकि, चिन्मयानंद ने इसे उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए साजिश कहा था।
क्योंकि उन्हें चिन्मयानंद के ट्रस्ट द्वारा संचालित कॉलेज में पढ़ने में डर है।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ आरोप लगाने वाली छात्रा के आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करे। आपको बता दे कि छात्रा को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट ने सुरक्षा कारणों से चलते छात्रा को पुलिस सुरक्षा में दिल्ली में रहने का आदेश दिया था। आज मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश आर भानुमति और एएस बोपन्ना की पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अनुरोध किया था कि माम।ले में दाखिल की गई दो क्रॉस एफआईआर में जांच की निगरानी के लिए एक बेंच का गठन करे। पीठ ने कहा कि विशेष जांच दल, जिसमें एसपी स्तर का एक अधिकारी भी होगा, छात्रा के आरोपों की जांच करे ।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार इस एसआईटी का नेतृत्व आईजीस्तर का अधिकारी करेगा। उच्चतम न्यायालय ने उप्र सरकार से कहा कि वह महिला, उसके भाई का दाखिला दूसरे संस्थान में कराए ।क्योंकि उन्हें चिन्मयानंद के ट्रस्ट द्वारा संचालित कॉलेज में पढ़ने में डर है।
वही छात्रा के पिता का आरोप है कि उसकी बेटी को 72 वर्षीय भाजपा नेता चिन्मयानंद ने लापता कराया था, जो मुमुक्षु आश्रम चलाते हैं। उनकी बेटी आश्रम द्वारा संचालित एक कॉलेज में परास्नातक की छात्रा है। बता दें कि उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक छात्रा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जिसके बाद वह लापता हो गई थी। बाद में छात्रा राजस्थान में पाई गई थी।
0 comments:
Post a Comment