दूरदराज के सरकारी स्कूलांेे के बच्चों को मुख्यधारा मे लाने के लिए तत्पर है डीएम बंसल
नैनीताल/हल्द्वानी । अल्प समय में जिले के जनमानस में विशेष छाप बनाने वाले एवं जन-जन में लोकप्रियता हासिल करने वाले युवा जिलाधिकारी सविन बंसल की कार्यशैली अद्भुत है। गाॅव-गाॅव जाकर लोगों का दुःख दर्द, साझा करना और सरकारी योजनाओं का सरकारी योजनाओं का उनके द्वार पर ही लाभ दिलाना उनकी प्राथमिकता है। उनके जिले में आते ही सरकारी अमला भी अधिक सक्रिय और तत्पर हो उठा है तथा उनके नक्शे कदम पर चलने लगा है।
बंसल का मानना है कि शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था में अगर व्यापक सुधार हो जाए तो लोगो को राहत मिलेगी। उनका मानना है कि सरकारी विद्यालयों एवं उनमें अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं के लिए बहुत कुछ किया जा सकता है। स्कूली बच्चों को विकास की मुख्य धारा एवं नवीन तकनीकी से रूबरू कराने के लिए उनके प्रयास शुरू हो गए हैं। बंसल का मानना है
कि पर्वतीय क्षेत्र के स्कूलों में कई मील तक की पैदल दूरी नापकर रोज स्कूल जाने वाले बच्चे केवल किताबी ज्ञान तक ही सिमट कर रह गए हैं, ऐसे में उन्हें आधुनिकतम दुनिया और तकनीकी से रूबरू कराया जाना जरूरी है। इसका सफलतम प्रयोग उन्होंने बीते रोज राजकीय इण्टर काॅलेज बगड़ में किया। विद्यालय में डाटा प्रोजेक्टर से बड़े परदे पर जब जिला बाल संरक्षण अधिकारी व्यौमा जैन ने विभिन्न विषयों की लघु फिल्म दिखाई तो बच्चे रोमांचित हो उठे और बोले कि उन्होंने आज पहली बार सिनेमा के परदे पर फिल्म देखी।
सुश्री जैन ने फिल्मों के माध्यम से सुरिक्षत एवं असुरक्षित स्पर्श, पास्को अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम, चाईल्ड हैल्पलाईन, की जानकारी दी। वहीं जिलाधिकारी के प्रयास से विद्यालय में पहली बार ड्रोन उड़ाया गया और ड्रोन की कार्यप्रणाली बताई गई तो बच्चे रोमांचित एवं आश्चर्य चकित हो उठे। यही नही विद्यालय में पहली बार उनके प्रयासों से इंसीनेटर मशीन लगायी गई, जिसका उन्होंने लोकार्पण भी किया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बालिकाओं को स्वास्थ्य के बारे में तथा सेफ्टी नेपकिन, सेनेटरी पेड आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
विद्यालय में बच्चों को सोशल मीडिया, फैसबुक, व्हाट्सएप, यू-ट्यूब, इन्टरनेट के बारे में विस्तार से बताया गया, साथ ही सोशल मीडिया के फायदे और नुकसान भी बताये गये। इस जानकारी को बच्चों ने उत्सुकता के साथ सुना।
सरकारी विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षा के प्रति संवेदनशील जिलाधिकारी बंसल ने राजकीय इण्टर काॅलेज बगड़ में दो कम्प्यूटर एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराने के आदेश शिक्षा महकमें के अधिकारियों को दिए।
गौरतलब है कि गुजरे दिनों में उन्होंने निरीक्षण के दौरान राजकीय इण्टर काॅलेज जंगलिया गाॅव में भी दो कम्प्यूटर अपने विवेकाधीन कोष से स्वीकृत किए थे। उनका मानना है कि ई-लर्निंग के जरिये बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जा सकती है। बगड़ इण्टर काॅलेज में व्हाईट बोर्ड पर मार्कर से जब लिख कर दिखाया गया तो स्पष्ट व सुन्दर लेख देखकर बच्चे आश्चर्य चकित हो उठे, अभी तक तो बच्चों ने स्कूल में ब्लैक बोर्ड ही देखा था। उन्होंने कहा कि जल्द ही जिलेभर के सभी विद्यालयों में व्हाईट बोर्ड, कम्प्यूटर, ई-लर्निंग, डाटा प्रोजेक्टर, नेपकिन वैडिग मशीनों की व्यवस्था की जा रही है। 

बंसल का मानना है कि बच्चों में ज्ञानकोष वृद्धि एवं संस्कारों के लिए पुस्तकों का अहम रोल है।इसको ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी का प्रयास है कि जिले के प्राथमिक, इण्टर काॅलेजों की लाईब्रेरी में भारत एवं विश्व की एटलस, महापुरूषों एवं वैज्ञानिकों तथा विलक्षण प्रतिभा के धनी व्यक्तियों के जीवन एवं उनके कृत्यों पर आधारित पुस्तकें भी लाईब्ररी में रखी जाऐं तथा प्रतिदिन हिन्दी व अंग्रेजी के पेपर भी उपलब्ध कराये जाने के आदेश जारी किए गए हैं ताकि बच्चे इन पुस्तकों का अध्ययन कर देश दुनिया की जानकारी हासिल कर सकें और महानुभावों के गुणों को आत्मसात कर सकें।
इसके साथ ही विद्यार्थियों में अंग्रेजी भाषा का शब्द भण्डार बढ़ाने के लिए डिक्सनरी भी रखने के आदेश दिए हैं। डीएम के मुताबिक सभी विद्यालयों को जल्द ही ज्ञानवर्धक पुस्तकें उपलब्ध करायी जायेंगी। उनके मुताबिक जिले में 195 सरकारी विद्यालय हैं। 34 विद्यालयों में कम्प्यूटर नहीं हैं। इन विद्यालयों में जल्द ही कम्प्यूटर की व्यवस्था की जा रही है। जिले के 78 विद्यालयों में ई-लर्निंग कक्षाएं संचालित हैं, शेष में ई-लर्निंग की व्यवस्था जल्द कर दी जाएगी। ई-लर्निंग क्लासेेज़ को और अधिक प्रभावी तरीके से चलाने हेतु मैटर तैयार करने के लिए शिक्षा विभाग को जिला योजना में 12 लाख की धनराशि दी गई है। जल्द ही और अधिक प्रभावी ई-लर्निंग मैटेरियल विद्यालयों को उपलब्ध कराया जाएगा।
जिलाधिकारी बंसल के आदेशों के क्रम में शिक्षा विभाग जिले भर के माध्यमिक विद्यालयों में अब्राहम लिंकन, मार्टिन लूथर किंग, स्वामी विवेकानन्द की जीवनी पर आधारित पुस्तकें, भारत एवं विश्व की एटलस, हिन्दी व अंग्रजी का अखबार, योजना एवं विज्ञान प्रगति पत्रिकाओं की व्यवस्था की गयी है। इसका उद्देश्य है कि विद्यार्थियों में पठन-पाठन की आदत विकसित हो और अधिक से अधिक ज्ञान अर्जित करें।
शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए बंसल पूर्ण मनोयोग से जुटे हैं। विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान बच्चों को उपहार, स्टेशनरी देना उनकी अद्भुत आदत है, इस दौरान वह बच्चों के साथ दोतरफा संवाद कायम करते हुए दोस्ती का रिश्ता भी बना लेते हैं। उनके इस विलक्षण कार्य एवं आत्मीयता से बच्चे उनके प्रशंसक हो उठते हैं।
News 1 Hindustan आप सभी से गुजारिश करता है कि आईये हम सब मिलकर उनके इस कार्य में सहभागिता करते हुए देश का भविष्य सवारें।
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