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Saturday, 12 October 2019

महाकुम्भ 2021 :कुम्भ मेले की ऐसी व्यवस्थायें होनी चाहिए ताकि एक मिशाल कायम हो। कितने श्रद्धालुओ के आने की है सम्भावना ? जाने

* मुख्यमंत्री ने की कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं की समीक्षा।
* कुम्भ के कार्य विभागीय समन्वय से हो पूर्ण।
* दिव्य एवं भव्य रूप से आयोजित होगा आगामी कुम्भ मेला।
* कार्यदायी संस्थाये निर्माण कार्यों की समयबद्धता पर दे ध्यान।
* महाकुम्भ की व्यवस्थायें भविष्य के आयोजनो के लिये बनेगी आधार।
* मुख्यमंत्री ने संत महात्माओं का किया सम्मान, मांगा सहयोग एवं सुझाव।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )

हरिद्वार। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को मेला नियन्त्रण भवन हरिद्वार में कुम्भ मेला 2021 की आयोजन व्यवस्थाओं की शासन के उच्चाधिकारियों एवं सभी अखाड़ो के प्रतिनिधियों के साथ व्यापक समीक्षा की। इस अवसर पर नगर विकास मंत्री मदन कौशिक, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, सचिव नगर विकास शैलेश बगोली, गढ़वाल आयुक्त श्री रविनाथ रमन, मेलाधिकारी श्री दीपक रावत, आईजी मेला श्री संजय गुंज्याल, अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि, महामंत्री श्रीमंहत हरिगिरी सहित सभी अखाड़ो के प्रतिनिधि तथा सभी सम्बन्धित अधिकारी मौजूद थे। इस अवसर मुख्यमंत्री ने संत महात्माओं को सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आगामी कुम्भ मेला दिव्य एवं भव्यता के साथ आयोजित हो, इसके लिये समेकित प्रयासों पर ध्यान दिया जाय, सभी विभागों को अपनी जिम्मेदारी भी समझनी होगी। आगामी कुम्भ मेले में लगभग 12 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना के दृष्टिगत व्यवस्थाये सुनिश्चित की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी कुम्भ मेले की ऐसी व्यवस्थायें होनी चाहिए ताकि यह आयोजन भविष्य के आयोजनों के लिये मिशाल बने। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ मेले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराने के साथ ही नेत्र चिकित्सा के साथ नेत्र कुम्भ भी आयोजित किया जाय।
 उन्होंने कुम्भ क्षेत्र को केवललैस बनाने के लिये बिजली व गैस पाइप लाइन को अण्डर ग्राउंड किये जाने में भी तेजी लाने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार को जोड़ने वाली सभी सड़को एवं पुलों के निर्माण मंे तेजी लाई जाय। इसके लिये दो या तीन शिफ्ट में कार्य करने की प्रक्रिया अपनायी जाय। उन्होंने कहा कि कुम्भ की व्यवस्थाओं के लिये जो भी जरूरत होगी वह उपलब्ध करायी जायेगी। सभी अधिकारी तालमेल से कार्य करें। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिये कि सड़क बनने से पूर्व सभी विभाग अपने से सम्बन्धित कार्यों को पूर्ण करालें। सड़क बनने के बाद उसकी खुदाई करने की परम्परा को बन्द किया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ मेले के भव्य आयोजन के लिये अखाड़ा परिषद् ने बड़ी सोच के साथ नील धारा मंे कुम्भ के आयोजन का प्रस्ताव रखा है। कुम्भ के दौरान सभी अखाड़ो को शाही स्नान के दौरान कोई कठिनाई न हो इसका ध्यान रखा जाय, इस सम्बन्ध में अखाड़ो को आवागमन में कोई टकराव न हो इसकी भी पहले से ही सुचारू व्यवस्था की जाय।मुख्यमंत्री ने हरिद्वार को देवभूमि के अनुरूप उसकी पहचान बनाये रखने पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने निर्देश दिये कि असमाजिक गतिविधियों पर सख्ती बरती जाय। अतिक्रमण को हटाने की दिशा में भी उन्होंने प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार महाकुम्भ 2021, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक व आध्यात्मिक मेला होगा। वैश्विक स्तर के इस मेले में दुनिया भर के देशों से करोड़ों श्रद्धालु आएंगे। इसमें किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही क्षम्य नहीं हो सकती है। मुख्यमंत्री ने शासन स्तर पर भी महाकुम्भ की तैयारियों की नियमित माॅनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। शासन स्तर से किसी भी तरह की आवश्यकता होने पर तत्काल अवगत कराया जाए। महाकुम्भ की तैयारियों में संत महात्माओं का मार्गदर्शन लेना सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि स्थाई प्रकृति के काम अक्टूबर 2020 तक पूरे कर लिए जाएं। समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। इस वैश्विक मेले में बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालु, राज्य के दूसरे पर्यटन स्थलों में भी जा सकते हैं। तमाम तरह की सुविधाएं विकसित करने मे आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग करने पर भी उन्होंने बल दिया।नगर विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कुम्भ मेला की सफलता सभी के सामुहिक प्रयासों से जुड़ी है। इस कुम्भ में बेहतर व्यवस्थायें कर देश व दुनिया के श्रद्वालुओं को आवश्यक व्यवस्थायें करानी होगी। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझे। उन्होंने संत महात्माओं के सुझावों पर भी ध्यान देने को कहा।
अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि तथा महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि ने कुम्भ क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने, आन्तरिक सड़को के निर्माण साफ सफाई पेयजल पेशवाई मार्गो के निर्माण मेला क्षेत्र की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करने अखाड़ो को भूमि उपलब्ध कराने, अखाड़ो के निर्माण के लिये आवश्यक धनराशि की उपलब्धता की बात कही। उन्होंने मेले के सफल आयोजन के लिये पूरा सहयोग का भी आश्वासन दिया।
बैठक में मेलाधिकारी दीपक रावत तथा मेला आईजी संजय गुंज्याल ने अपने व्यापक प्रस्तुतिकरण के माध्यम से कुम्भ के आयोजन से सम्बन्धित व्यवस्थाओं की जानकारी दी, जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग के प्रोजेक्ट डायरेक्टर श्री वैभव मित्तल ने आश्वासन दिया कि हरिद्वार को जोड़ने वाली सड़को एवं पुलो के निर्माण में तेजी लायी गई है।
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