* श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी सुबह 9.39 बजे पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में आयोजित समारोह में पंचांग गणना के आधार पर केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने का समय तय किया गया।
देहरादून। आगामी 29 अक्ट्बर यानी भैयादूज के दिन सुबह 8.30 बजे भगवान केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जांएगे। वहीं, 17 नवंबर को शाम पांच बजकर 13 मिनट पर भगवान बद्रीविशाल के मंदिर के कपाट बंद होंगे।
29 अक्तूबर की सुबह कपाट बंद होने के बाद केदार बाबा की चल विग्रह डोली रात्रि प्रवास को रामपुर पहुंचेगी। इसके बाद 30 अक्टूबर को गुप्तकाशी में रात्रि प्रवास करेगी। इसके बाद 31 अक्टूबर को बाबा केदारनाथ अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होंगे। 06 नवंबर को पूर्वाह्न 11.30 बंद तृतीय केदार तुंगनाथजी के कपाट बंद होंगे। 21 नवंबर को द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट बंद होंगे। आज परंपरा के अनुसार दशहरे पर पंचकेदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में धाम के कपाट बंद करने का समय तय किया गया।
श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि आज सुबह 9.39 बजे पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में आयोजित समारोह में पंचांग गणना के आधार पर केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने का समय तय किया गया।
साथ ही बाबा केदार की पंचमुखी भोगमूर्ति के चल विग्रह उत्सव डोली में शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकोरश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचने का कार्यक्रम तय किया गया। इस मौके पर द्वितीय केदार मद्महेश्वर मंदिर के कपाट बंद होने की तिथि एवं डोली का कार्यक्रम और मद्महेश्वर मेला तिथि की घोषणा भी की। मार्कण्डेय मंदिर मक्कूमठ में तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद करने और और बाबा की डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में आने की तिथि भी घोषित की गई। समारोह में बीकेटीसी के उपाध्यक्ष अशोक खत्री, सीईओ बीडी सिंह, कार्याधिकारी एनपी जमलोकी समेत वेदपाठी, आचार्यगण एवं अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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