* आबादी वाले क्षेत्रों में घुसने लगे हाथी व् गुलदार , दहशत में लोग
* हरिद्वार वन प्रभाग है कि संसाधनों और मैन पावर की कमी का रोना रो रहा है।
ऋषिकेश/हरिद्वार । सर्दी का मौसम शुरू होते ही ऋषिकेश के आबादी वाले छेत्रों में हाथियों के आने से लोगों में दहशत फैलने लगी है। जंगलों से निकल कर हाथी आबादी वाले क्षेत्रों में रात के समय उत्पात मचाने लगे हैं। ऋषिकेश के चारों ओर जंगल और राजाजी टाइगर रिजर्व का क्षेत्र है। ऐसे में खाना और पानी की तलाश में हाथी बस्तियों की ओर चले आ रहे हैं। कुछ मिलते - जुलते हरिद्वार के भेल सहित टिबड़ी का है। जहां हाथियों सहित गुलदार का आतंक बना हुआ है। जबकि हरिद्वार वन प्रभाग है कि संसाधनों और मैन पावर की कमी का रोना रो रहा है।
यहाँ टीवी पर चलने वाले एक विज्ञापन की याद अनायास ही आ गई जिसे सुपर स्टार अमिताभ बच्चन किया करते थे। अमिताभ गुजरात पर्यटन विभाग का विज्ञापन करते हुए टीवी पर दीखते थे कुछ वही शब्द चिर्तार्थ होते दिख रहे है भेल में कि "हाथी , हिरण और तेंदुआ यूँ ही दिख जाएंगे खेल खेल में,कुछ दिन तो गुजारिये भेल में "।
इस वजह से लोगो में दहशत बढ़ने लगी है। प्रायः हर दिन हाथियों का झुंड फसलों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ मकानों की बाउंड्री तोड़ रहा है। इस बारे में वन विभाग का कहना है कि उनकी रात्रि गश्त टीम तैयार है. यह टीम सूचना मिलते ही हाथियों को काबू करेगी।जबकि हरिद्वार में हाथियों के डर के कारण जगजीतपुर निवासियों का जीना दूभर हुआ है वही बी एच इ एल रानीपुर क्र सेक्टर -1 स्थित पीठ बाजार में हर मंगलवार शुक्रवार को हाथियों की आमद दिन डालते ही होने लगी है। इतना ही नहीं भेल क्षेत्र में गुलदार की दहशत आज आम हो गई है।
यह अलग बात है कि वन विभाग ने उसको पकड़ने के लिए 5 अलग अलग पिंजरे लगाए है ,पर अब जानवर भी समय की बदलती रफतार का साथ ही जानवर भी इंसान से ज्यादा तेज चलने लगे है। हालत यह है की भय का आतंक बन चुका गुलदार लगातार अपनी दिशा बदल रहा है और वन विभाग को परेशांन कर रहा है। इतना ही नहीं हालत यह है कि राजाजी पार्क से सटे होने के कारण हाथी और गुलदार का आमद तो है ही साथ ही हिरण ,सांभर भी दिन दहाड़े भेल आवसीय परिसरों में भ्रमड़ करते आपको नज़र आ जायेंगे।
वही ऋषिकेश में हाथियों से परेशान वीणा देवी ने कहा कि सुबह 3.30 बजे इलाके में हाथी के आने के बाद उनकी गाय रंभाने लगी। वह घबराकर बाहर निकलीं तो हाथी पास की बाउंड्री वाल तोड़कर दूसरी तरफ चला गया। वहीं राजाजी टाइगर रिजर्व के वार्डन अजय शर्मा ने कहा कि पार्क का क्षेत्र होने के कारण हाथियों का आना-जाना रहता ही है। उन्होंने कहा कि बरसात के दौरान हाथी नीचे की तरफ थोड़ा कम आते-जाते हैं, क्योंकि तब उन्हें पानी सभी जगह मिलता है।
उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में हाथियों के घूमने को लेकर वन विभाग के कर्मी सतर्क होते हैं। उनकी कोशिश होती है कि हाथियों को शहर में घुसने नहीं दिया जाए। फिर उन्होंने कहा कि यह राजाजी पार्क का क्षेत्र है। इसलिए इधर हाथियों का आना जाना लगा रहेगा।
जबकि हरिद्वार वन प्रभाग के प्रभारी आकाश वर्मा ने तो बाकायदा प्रेस करके संसाधनों सहित वन कर्मियों की कमी का रोना रोया।
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