* नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो ने अपराध आंकड़े जारी किए।
* जबकि उत्तरी राज्यों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए उत्तराखण्ड सर्वाधिक सुरक्षित राज्य रहा।
नई दिल्ली / देहरादून। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो द्वारा प्रकाशित क्राइम इन इण्डिया वर्ष 2018 के अपराध आकड़े जारी किये गये हैं। उत्तरी राज्यो मे प्रति लाख जनसंख्या के आधार पर उत्तराखण्ड 133.3 पहले, उत्तर प्रदेश 153.5 दूसरे, जम्मू व कश्मीर 180.4 तीसरे, हिमाचल प्रदेश 200.9 चैथे व हरियाणा 381.0 से साथ अंतिम स्थान पर रहा है।
कुल घटित संज्ञेय अपराधों (भा0दा0वि0) मे जनसंख्या के आधार पर प्रति लाख जनसंख्या के सापेक्ष 133.3 घटित अपराध के साथ उत्तराखण्ड पूरे देश में छठे स्थान पर रहा। मध्यम व बड़े राज्यो मे झारखण्ड के बाद उत्तराखण्ड दूसरे स्थान पर रहा। उत्तरी राज्यों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए उत्तराखण्ड सर्वाधिक सुरक्षित राज्य रहा। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति से सम्बन्धित अपराधों में पिछले वर्षों के मुकाबले कमी आयी है। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो द्वारा प्रकाशित क्राईम इन इण्डिया के अनुसार सम्पत्ति चोरी लूट के मामलो मे सम्पति बरामदगी के आधार पर सम्पूर्ण देश मे चोरी, लूटी गयी सम्पत्ति बरामदगी मे वर्ष 2018 मे उत्तराखण्ड का 63.2ः के साथ तीसरा स्थान रहा ।
तेलंगाना 70.6:से प्रथम स्थान पर, तमिलनाडू 67.0 प्रतिशत दूसरे स्थान पर रहा, जबकि राष्ट्रीय बरामदगी 35 प्रतिशत रही है। उत्तराखण्ड राज्य मे वर्ष 2016 मे 54.0 प्रतिशत (7 करोड़ रूपये), 2017 मे 52.7 प्रतिशत (8 करोड़ रूपये) व 2018 मे 63.2 प्रतिशत (11 करोड़ रूपये) चोरी लूटी गयी सम्पति की बरामदगी रही। पिछले वर्षों से प्रतिशत बढ़ा है। उत्तरी राज्यो मे उत्तराखण्ड 63.2 प्रतिशत के साथ प्रथम, हिमाचल प्रदेश 38.9 प्रतिशत के साथ दूसरे, जम्मू व कश्मीर 33.3 प्रतिशत के साथ तीसरे, पंजाब 30.4 प्रतिशत के साथ चैथे, उत्तर प्रदेश 29.0 प्रतिशत के साथ पाचवें व हरियाणा 28.6 प्रतिशत के साथ अंतिम स्थान पर रहे।
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