* सीएम ने कहा कि गुणवत्ता पर बल दिया जाय, किसी स्तर पर लापरवाही बर्दास्त नही की जाएगी।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने सरकार के तीन साल पूर्ण होने की स्थिति में आते ही एक्शन मोड़ में आ गए है। जिसका जीता जगता उदाहरण उस वक्त देखने को मिला जब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कुम्भ 2021 कार्यो का स्थलीय निरीक्षण किया।कुम्भ के लिये स्थाई और अस्थाई कार्यो के निरीक्षण के दौरान कार्यो में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा,सीएम ने कहा कि गुणवत्ता पर बल दिया जाय।उन्होंने कहा कि किसी स्तर पर लापरवाही बर्दास्त नही की जाएगी।
कुम्भ को लेकर संतो के साथ बैठक करने के उपरांत मुख्यमन्त्री ने देहरादून में समीक्षा बैठक कर जहा विभागीय सचिव की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने की बात कही। वही स्थलीय निरिक्षण में कार्यो की प्रगति से संतुष्ट दिखे।
निरिक्षण के दौरान मुख्यमन्त्री बैरागी कैम्प से कनखल को जोड़ने वाले पुल, जलनिगम की पेयजल की आई बेल की विशेष उपयोगिता की सराहना किया।साथ ही गौरी शंकर क्षेत्र का भी निरीक्षण किया ।
मुख्यमन्त्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पूर्व मेला की तुलना में मेला क्षेत्र को अधिक विस्तृत किया जा रहा है। सभी सन्यासियों की सुविधाओं के लिये गौरी शंकर क्षेत्र स्थान घाट के निर्माण के निर्देश भी दिये गए है ।उन्होंने कहा कि मेला सुव्यवस्थित हो ,निर्विध्न सम्पन्न हो उसके शासन ,मेला प्रशासन हुए अखाडा परिषद् सभी मिलजुल कर कार्य कर रहे है। सीएम ने कहा कि नवम्बर 2020 तक सभी स्थाई व् अस्थाई कार्य लिए जायेंगे।
गौरतलब है कि कुम्भ 2021 को लेकर उत्तराखंड सरकार पर दबाव ज्यादा है क्योकि हाल ही में समाप्त हुए प्रयागराज अर्धकुम्भ की व्यवस्थाओ की तरह कुम्भ 2021 में भी कार्यो को लेकर संत मुखर है । दूसरे कुम्भ 2010 को लेकर आजतक तत्कालीन सीएम निशंक दावा करते है कि वैसा कुम्भ हो ही नहीं सकता। तो दोनों ही मामलों को देखते हुए किसी भी प्रकार की कोताही सरकार नहीं बरतना चाहती है।
स्थलीय निरिक्षण के दौरान सीएम ने गंगा पूजन भी किया , जोकि अखाडा परिषद् महामन्त्री श्रीमहंत हरी गिरी ने कराया। इस अवसर पर नगर विकास मंत्री मदन कौशिक ,सचिव शहरी विभाग शैलेश बगोली ,मेलाधिकारी दीपक रावत ,मेला आई जी संजय गुंज्याल सहित अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद महासचिव हरी गिरी महाराज ,अन्य प्रमुख सन्त गण सहित मेला के विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारी भी थे।मेला प्रशासन , उत्तराखंड सरकार और अखाड़ा परिषद के सहयोग से कुम्भ मेला 2021 के सकुशल सम्पन्न करने की तैयारी पूर्ण कर ली गई है।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने सरकार के तीन साल पूर्ण होने की स्थिति में आते ही एक्शन मोड़ में आ गए है। जिसका जीता जगता उदाहरण उस वक्त देखने को मिला जब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कुम्भ 2021 कार्यो का स्थलीय निरीक्षण किया।कुम्भ के लिये स्थाई और अस्थाई कार्यो के निरीक्षण के दौरान कार्यो में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा,सीएम ने कहा कि गुणवत्ता पर बल दिया जाय।उन्होंने कहा कि किसी स्तर पर लापरवाही बर्दास्त नही की जाएगी।
कुम्भ को लेकर संतो के साथ बैठक करने के उपरांत मुख्यमन्त्री ने देहरादून में समीक्षा बैठक कर जहा विभागीय सचिव की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने की बात कही। वही स्थलीय निरिक्षण में कार्यो की प्रगति से संतुष्ट दिखे।
निरिक्षण के दौरान मुख्यमन्त्री बैरागी कैम्प से कनखल को जोड़ने वाले पुल, जलनिगम की पेयजल की आई बेल की विशेष उपयोगिता की सराहना किया।साथ ही गौरी शंकर क्षेत्र का भी निरीक्षण किया ।
मुख्यमन्त्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पूर्व मेला की तुलना में मेला क्षेत्र को अधिक विस्तृत किया जा रहा है। सभी सन्यासियों की सुविधाओं के लिये गौरी शंकर क्षेत्र स्थान घाट के निर्माण के निर्देश भी दिये गए है ।उन्होंने कहा कि मेला सुव्यवस्थित हो ,निर्विध्न सम्पन्न हो उसके शासन ,मेला प्रशासन हुए अखाडा परिषद् सभी मिलजुल कर कार्य कर रहे है। सीएम ने कहा कि नवम्बर 2020 तक सभी स्थाई व् अस्थाई कार्य लिए जायेंगे।
गौरतलब है कि कुम्भ 2021 को लेकर उत्तराखंड सरकार पर दबाव ज्यादा है क्योकि हाल ही में समाप्त हुए प्रयागराज अर्धकुम्भ की व्यवस्थाओ की तरह कुम्भ 2021 में भी कार्यो को लेकर संत मुखर है । दूसरे कुम्भ 2010 को लेकर आजतक तत्कालीन सीएम निशंक दावा करते है कि वैसा कुम्भ हो ही नहीं सकता। तो दोनों ही मामलों को देखते हुए किसी भी प्रकार की कोताही सरकार नहीं बरतना चाहती है।
स्थलीय निरिक्षण के दौरान सीएम ने गंगा पूजन भी किया , जोकि अखाडा परिषद् महामन्त्री श्रीमहंत हरी गिरी ने कराया। इस अवसर पर नगर विकास मंत्री मदन कौशिक ,सचिव शहरी विभाग शैलेश बगोली ,मेलाधिकारी दीपक रावत ,मेला आई जी संजय गुंज्याल सहित अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद महासचिव हरी गिरी महाराज ,अन्य प्रमुख सन्त गण सहित मेला के विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारी भी थे।मेला प्रशासन , उत्तराखंड सरकार और अखाड़ा परिषद के सहयोग से कुम्भ मेला 2021 के सकुशल सम्पन्न करने की तैयारी पूर्ण कर ली गई है।
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