राज्य में पार्टी कार्यकारी अध्यक्ष बनाएगी या पूर्ण स्वतंत्र अध्यक्ष, यह तो अभी साफ नहीं
(ब्यूरो,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान)
देहरादून। उत्तराखण्ड में भाजपा कार्यकारी अध्यक्ष बनाएगी या पूर्ण स्वतंत्र अध्यक्ष, यह तो अभी साफ नहीं है जेपी नड्डा के बीजेपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनने के साथ ही राज्यों में भी कार्यकारी अध्यक्ष की कवायद शुरु हो गई है। दरअसल उत्तराखंड में भी स्थितियां कुछ-कुछ केंद्र जैसी ही हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह केंद्र में गृह मंत्री बने तो बीजेपी को उनकी व्यस्तताओं को देखते हुए एक नया अध्यक्ष ढूंढना पड़ा और जेपी नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया।
राज्य में बीजेपी अध्यक्ष अजय भट्ट नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीट से लोकसभा का चुनाव जीत गए हैं इसलिए अब वह केंद्र की राजनीति में शिफ्ट होंगे ही। बतौर सांसद उन्हें मोदी सरकार के एजेंडे को भी आगे बढ़ाना होगा इसलिए राज्य में नए प्रदेश अध्यक्ष की जरूरत महसूस हो रही है। नरेश बंसल, पुष्कर धामी या केदार जोशी को राज्य में पार्टी कार्यकारी अध्यक्ष बनाएगी या पूर्ण स्वतंत्र अध्यक्ष, यह तो अभी साफ नहीं है लेकिन इस पद के भाजपा में कई दावेदार हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान महीने भर के लिए कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए पार्टी महामंत्री नरेश बंसल भी एक है।ं खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी. दो बार के विधायक धामी युवा नेता हैं और पहले दो बार पार्टी के युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। तीसरे और सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं केएमवीएन के अध्यक्ष केदार जोशी हैं।
जोशी को जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण के लिहाज से अजय भट्ट के सबसे बेहतर रिप्लेसमेंट के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी नेताओं का कहना है सेंट्रल लीडरशिप इस बारे में जल्द ही फैंसला लेगी।
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