राज्य सरकार को वन एवं पर्यावरण की रक्षा के लिए और 16 जून की प्राकृतिक आपदा के मारे गए ज्ञात-अज्ञात लोगों की याद में हरिद्वार में माँ गंगा के समीप उनकी याद में स्मारक समाधि स्थल स्थापित किये जाना चाहिए
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार । उत्तराखंड केदारनाथ 2013 में आई प्रकृतिक आपदा सातवी बरसी पर बिरला घाट पर उत्तराखंड विकास मंच के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा के संयोजन में माँ गंगा के समीप विशेष पूजा-अर्चना के साथ 2013 की प्राकृतिक आपदा में मारे गए ज्ञात-अज्ञात तीर्थयात्रियों व स्थानीय नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित कर माँ गंगा से प्राकृतिक आपदा में मारे गए | तीर्थ श्रद्धालुओं की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना है कि श्रद्धांजलि सभा में सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मांग की 2013 केदारनाथ की प्राकृतिक आपदा में मारे गए ज्ञात अज्ञात तीर्थयात्रियों की याद में धर्मनगरी हरिद्वार में भी समाधि में स्मारक स्थल बनाया जाए | ताकि देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्री पर्यावरण के प्रति और जागरूक हो सकें और अपने-अपने क्षेत्रों में प्रकृतिक संसाधनों से छेड़-छाड़ ना करने की प्रेरणा ले सके।
इस अवसर पर उत्तराखंड विकास मंच के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा 16 जून 2013 में केदारनाथ की प्राकृतिक आपदा में जिन तीर्थ यात्रियों व ज्ञात अज्ञात लोगों ने अपनी जान गवाई उसकी भरपाई शायद कभी भी पूरी नही की जा सकती लेकिन राज्य सरकार को वन एवं पर्यावरण की रक्षा के लिए और 16 जून की प्राकृतिक आपदा के मारे गए ज्ञात-अज्ञात लोगों की याद में हरिद्वार में माँ गंगा के समीप उनकी याद में स्मारक समाधि स्थल स्थापित किये जाना चाहिए और पर्यावरण के प्रति जागरूकता के उद्देश्यों के पाठ्यक्रम को उस समाधि व स्मारक स्थल पर प्रकाशित किये जाने चाहिए ताकि देश दुनिया मे लगातार प्राकृतिक मानव जीवन संसाधनों से छेड़-छाड़ ना कर सके और होने वाली प्राकृतिक आपदाओ से बचने के उपाय भी प्रशिक्षणों के संसाधनों के साथ आम जन मानस के ज़ेहन में सम्मलित हो सके।
इस अवसर पर पंडित मनीष शर्मा ने कहा 16 जून की केदारनाथ प्राकृतिक आपदा ने देश दुनिया को जनझोड़ कर रख दिया था और पुनः केदारनाथ यात्रा संचालित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड की और केदारनाथ पर विकास कार्यो पर अपना पूरा ध्यान आकर्षित करते हुए आज पुनः केदारनाथ यात्रा निर्विघ्नं रूप से चल रही है उसका श्रेय यदि किसी को जाता है तो वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है। उन्होंने कहा मानव आज जिस प्रकार से प्राकृतिक संसाधनों से छेड़-छाड़ कर रहा है उसके लिए केंद्र व राज्य सरकारों को कठोरता के साथ समय-समय पर अभियान चलाने चाहिए।
16 जून 2013 को केदारनाथ में आई प्राकृतिक आपदा में मारे गए ज्ञात अज्ञात तीर्थ श्रद्धालुओं व स्थानीय नागरिकों को श्रद्धा सुमन अर्पित केते भूपेंद्र राजपूत, ठाकुर जयसिंह, ओमप्रकाश, राजेश खुराना, कुंवर सिंह, आर.एस. रतूड़ी, रणजीत रावत, असीम जोशी, रोहित सेठी, खुशीराम, महेंद्र सैनी, धर्मपाल कश्यप, वीरेंद्र सिंह, छोटेलाल शर्मा, जयसिंह बिष्ट आदि शामिल रहे।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार । उत्तराखंड केदारनाथ 2013 में आई प्रकृतिक आपदा सातवी बरसी पर बिरला घाट पर उत्तराखंड विकास मंच के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा के संयोजन में माँ गंगा के समीप विशेष पूजा-अर्चना के साथ 2013 की प्राकृतिक आपदा में मारे गए ज्ञात-अज्ञात तीर्थयात्रियों व स्थानीय नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित कर माँ गंगा से प्राकृतिक आपदा में मारे गए | तीर्थ श्रद्धालुओं की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना है कि श्रद्धांजलि सभा में सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मांग की 2013 केदारनाथ की प्राकृतिक आपदा में मारे गए ज्ञात अज्ञात तीर्थयात्रियों की याद में धर्मनगरी हरिद्वार में भी समाधि में स्मारक स्थल बनाया जाए | ताकि देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्री पर्यावरण के प्रति और जागरूक हो सकें और अपने-अपने क्षेत्रों में प्रकृतिक संसाधनों से छेड़-छाड़ ना करने की प्रेरणा ले सके।
इस अवसर पर उत्तराखंड विकास मंच के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा 16 जून 2013 में केदारनाथ की प्राकृतिक आपदा में जिन तीर्थ यात्रियों व ज्ञात अज्ञात लोगों ने अपनी जान गवाई उसकी भरपाई शायद कभी भी पूरी नही की जा सकती लेकिन राज्य सरकार को वन एवं पर्यावरण की रक्षा के लिए और 16 जून की प्राकृतिक आपदा के मारे गए ज्ञात-अज्ञात लोगों की याद में हरिद्वार में माँ गंगा के समीप उनकी याद में स्मारक समाधि स्थल स्थापित किये जाना चाहिए और पर्यावरण के प्रति जागरूकता के उद्देश्यों के पाठ्यक्रम को उस समाधि व स्मारक स्थल पर प्रकाशित किये जाने चाहिए ताकि देश दुनिया मे लगातार प्राकृतिक मानव जीवन संसाधनों से छेड़-छाड़ ना कर सके और होने वाली प्राकृतिक आपदाओ से बचने के उपाय भी प्रशिक्षणों के संसाधनों के साथ आम जन मानस के ज़ेहन में सम्मलित हो सके।
इस अवसर पर पंडित मनीष शर्मा ने कहा 16 जून की केदारनाथ प्राकृतिक आपदा ने देश दुनिया को जनझोड़ कर रख दिया था और पुनः केदारनाथ यात्रा संचालित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड की और केदारनाथ पर विकास कार्यो पर अपना पूरा ध्यान आकर्षित करते हुए आज पुनः केदारनाथ यात्रा निर्विघ्नं रूप से चल रही है उसका श्रेय यदि किसी को जाता है तो वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है। उन्होंने कहा मानव आज जिस प्रकार से प्राकृतिक संसाधनों से छेड़-छाड़ कर रहा है उसके लिए केंद्र व राज्य सरकारों को कठोरता के साथ समय-समय पर अभियान चलाने चाहिए।
16 जून 2013 को केदारनाथ में आई प्राकृतिक आपदा में मारे गए ज्ञात अज्ञात तीर्थ श्रद्धालुओं व स्थानीय नागरिकों को श्रद्धा सुमन अर्पित केते भूपेंद्र राजपूत, ठाकुर जयसिंह, ओमप्रकाश, राजेश खुराना, कुंवर सिंह, आर.एस. रतूड़ी, रणजीत रावत, असीम जोशी, रोहित सेठी, खुशीराम, महेंद्र सैनी, धर्मपाल कश्यप, वीरेंद्र सिंह, छोटेलाल शर्मा, जयसिंह बिष्ट आदि शामिल रहे।
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